बिहार के करीब 80 हजार सरकारी स्कूलों के तकरीबन पौने दो करोड़ बच्चों की कैचअप कोर्स की पढ़ाई 5 अप्रैल से आरंभ होगी। इनमें करीब 43 हजार प्राइमरी, 29 हजार मिडिल और 8 हजार माध्यमिक-उच्च माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। शिक्षा विभाग के निर्देश पर राज्य शैक्षिक शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार कराए गए इस विशेष पाठ्य सामग्री से सरकारी स्कूलों की दूसरी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के बच्चे अगले तीन माह तक पढ़ेंगे। इसको लेकर शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है। यह ट्रेनिंग कई चरणों में हुई है। पहले चरण में राज्यस्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए। दूसरे स्तर पर जिला मुख्यालयों में और तीसरे स्तर पर प्रखंड तथा संकुल स्तर पर शिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य पूरा हो गया है।
एससीईआरटी ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की मदद से दूसरी कक्षा से लेकर दसवीं कक्षा तक के सभी प्रमुख विषयों के लिए कैचअप कोर्स तैयार कराए गए हैं। कैचअप कोर्स की कक्षावार दो-दो प्रतियां स्कूलवार पहुंचनी है। एससीईआरटी ने मार्च के पहले सप्ताह में ही यह विशेष शिक्षण सामग्री (कैचअप कोर्स) सौ से अधिक एक्सपर्ट शिक्षकों की मदद से तैयार करायी थी। शिक्षा विभाग ने इसे प्रकाशित करने और जिलों तक पहुंचाने का जिम्मा बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम को सौंपा था। 3 अप्रैल तक जिलों में कोर्स मैटेरियल पहुंचने की डेडलाइन तय थी, जहां से स्कूलों तक इसे पहुंचाने का जिम्मा डीईओ का है। जानकारी के मुताबिक 2 अप्रैल की शाम तक पाठ्य सामग्री सभी 80 हजार स्कूलों तक कक्षावार दो-दो प्रतियों में पहुंचाना सुनिश्चित नहीं हो पाया था। हालांकि अगले सप्ताह तक इसके पहुंचने की उम्मीद जतायी जा रही है।
कोरोना के कारण पढ़ाई की हुई है क्षति
शिक्षा विभाग के निर्णय के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2020-21 के कोरोना काल की स्कूलबंदी की वजह से बच्चों को हुई पढ़ाई की क्षति की भरपाई इस विशेष शिक्षण सामग्री से करने का मकसद है। दूसरी से दसवीं कक्षा में 1 अप्रैल 2021 से प्रोन्नत हुए बच्चे जून माह तक पुरानी कक्षा के ही पाठ पढ़ेंगे। दूसरी कक्षा के बच्चे पहली के, तीसरी कक्षा के बच्चे दूसरी के, चौथी के बच्चे तीसरी के पाठ पढ़ेंगे। इसी तरह अन्य कक्षाओं के बच्चे भी तीन माह के 60 कार्यदिवसों में पिछली कक्षा के प्रमुख अध्याय का पाठ पढ़ेंगे।
लगातार दो साल बिना मूल्यांकन प्रोन्नत हुए हैं बच्चे
गौरतलब हो कि कोरोना संकट की वजह से राज्य के स्कूलों में क्लासरूम टीचिंग को भारी क्षति हुई है। 13 मार्च 2020 से ही स्कूल बंद कर दिए गए थे। 2020 की वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा नहीं होने से बच्चे बिना परीक्षा लिए ही अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिए गए थे। 4 जनवरी 2021 से आधी उपस्थिति के साथ नौवीं से 12वीं, 8 फरवरी से कक्षा छह से आठ और 1 मार्च से कक्षा एक से पांच तक के स्कूल खोले गए हैं। 2021 में भी वार्षिक परीक्षा किसी सरकारी स्कूल ने किसी कक्षा का नहीं लिया है। विभाग ने पहली से आठवीं तक के बच्चों को बिना परीक्षा लिए ही फिर अगली कक्षा में प्रोन्नति दे दी है। दो साल मूल्यांकन नहीं होने से बच्चों के सीखने के स्तर की भी परख नहीं हो सकी है। विभाग को उम्मीद है कि कैचअप कोर्स से कुछ हद तक शैक्षिक क्षति भी भरपाई होगी।