भारतीय सिनेमा को ‘बैंडिट क्वीन’ जैसी फिल्म देने वाली सीमा बिस्वास आज अपना 52वां जन्मदिन मना रही हैं। सीमा का जन्म असम के नालबाड़ी में हुआ था। सीमा ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। वो कभी भी एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती थीं। उन्होंने सोचा था कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वो लॉ करेंगी। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी। सीमा के पिता ने बड़ी मुश्किल से उन्हें NSD भेजा था।
सीमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एनएसडी जाने के बाद उन्होंने अपने परिवार से कभी पैसे नहीं मांगे थे। उनका कहना था कि जब आपके अपने आपको सपनों की ओर उड़ान भरने की आजादी दें और आप की काबीलियत पर इतना भरोसा करें तो उनसे कुछ और मांगना अपराध लगता है। इसलिए भत्ते में मिल रहे 750 रुपए में ही महीना निकल जाता था। एक सेब खाकर भी गुजारा कर लेती थीं।
सीमा ने खुद से वादा किया था कि परिवार से मांगना नहीं बल्कि उन्हें देना ही उनका कर्तव्य है। सीमा काफी समय तक एनएसडी से जुड़ी रहीं। सीमा ने बताया था कि NSD में उन्हें स्मिता पाटिल कहा जाता था। पहली बार सीमा को कांजे नोबूमित्सू के ‘रशोमोन’ प्ले में एक छोटे से रोल के लिए चुना गया था। बैंडिट क्वीन के निर्देशक शेखर कपूर को सीमा का अनप्रोफेशनल पोर्टफोलियो पसंद आया था। जिसके बाद उन्होंने सीमा को बैंडिट क्वीन के लिए चुना।
1994 में सीमा पहली बार फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ से दुनिया के सामने आईं। इस फिल्म में सीमा ने इतनी बेहतरीन एक्टिंग की थी कि आज तक उनके किरदार को कोई नहीं भूल पाया। आज भी लोग उन्हें फूलन देवी के नाम से जानते हैं। इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। जब ये फिल्म उन्हें मिली तो वो फूलन देवी के बारे में कुछ नहीं जानती थीं। वो किरदार को समझने के लिए फूलन देवी से मिलना चाहती थीं लेकिन फूलन जेल में थीं।
सीमा असम में पली-बढ़ी थीं। इसलिए उनकी हिंदी काफी कमजोर थी। वो दिन-रात लाइनों को समझने के लिए सैकड़ों बार रिहर्सल करती थीं। सीमा ने एक इंटरव्यू में अपने इस रोल के बारे में बहुत सी रोचक बातें साझा की थीं। सीमा के अनुसार, फिल्म में कई सारे न्यूड सीन थे। इसके चलते बहुत विवाद हुआ था। विवादों के कारण उन्हें रात-रात भर रोना पड़ा था। इस सीन को शूट करते समय डायरेक्टर और कैमरामैन के अलावा सभी का अंदर आना मना था।
फिल्म की रिलीज से पहले काफी बवाल मचा था इसलिए सीमा ने शेखर कपूर से कहा था कि फिल्म से न्यूड सीन को हटा दिया जाए। इस पर शेखर कपूर ने कहा था कि फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में लोगों की असंवेदनशीलता को दिखाने के लिए इस सीन को रखना जरूरी है। खबर ये भी थी कि खुद फूलन देवी ने भी इस फिल्म का विरोध किया था। हालांकि बाद में कोर्ट की स्वीकृति के बाद फिल्म रिलीज हुई थी।
वहीं सीमा बिस्वास का कहना है कि हॉलीवुड के कई एक्टर्स फिल्म के उस सीन के लिए उनकी बहुत इज्जत करते हैं लेकिन भारत में लोग उन्हें बुरी नजर से देखते हैं। सीमा ने बताया था कि उनका सबसे बड़ा अवॉर्ड तब मिला था, ‘जब मेरे पिता ने ‘बैंडिट क्वीन’ देख कर मां को कहा कि कुछ भी कहो मीरा, ऐसा स्ट्रॉन्ग और मुश्किल किरदार मेरी बेटी के अलावा कोई नहीं निभा सकता।’ सीमा ने हिंदी फिल्मों के अलावा कई मराठी, मलयालम, तमिल, पंजाबी, बंगाली और इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया है।
सीमा को नेशनल अवॉर्ड के अलावा साल 2000 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और साल 2006 में दीपा मेहता की फिल्म ‘वॉटर’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस जेनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। सीमा की पर्सनल लाइफ की बात करें उन्होंने साल 2003 में निखिलेश शर्मा से शादी की थी। लेकिन ये रिश्ता 4 साल के बाद ही टूट गया। सीमा ने निखिलेश से तलाक ले लिया है। सीमा इन दिनों फिल्म ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ की शूटिंग कर रही हैं।