यानी एक लाख रुपये वार्षिक से ज्यादा। इसके बाद सचिवालय सेवा में सहायक समीक्षा अधिकारी का पद सीधी भर्ती का एंट्री लेवल पद माना जाता है। इस पद से नौकरी शुरू करने वाले कर्मी को 6,335 रुपये महीने का फायदा हो सकता है। प्रदेश में शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों की बात करें तो सूबे में इनकी तादाद 5.50 लाख से ज्यादा है। इनमें प्राथमिक शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक है। बेसिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी शुरू करने वाले शिक्षकों को 5,025 रुपये महीने का फायदा हो सकता है। प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की संख्या साढ़े आठ लाख से अधिक बताई जाती है। इनमें 6,460 रुपये वेतनमान और 2,000 ग्रेड पे पर कार्यरत कर्मियों की बात करें तो इन्हें करीब 3,365 रुपये का फायदा होने की संभावना है। चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की तादाद भी अच्छी खासी है। लेकिन ग्रामीण सफाई कर्मी के पद पर 5,200 रुपये वेतनमान और 1,800 ग्रेड पे में कार्यरत कर्मियों की बात करें तो इन्हें सिर्फ 2,250 रुपये का ही फायदा हो रहा है।
7वां वेतन आयोग: जानें समिति के सिफारिश के बाद किसको होगा कितना फायदा
सूबे की सरकारी सेवा में नौकरी कर रहे कर्मी जितने बड़े ओहदे पर हैं, राज्य वेतन समिति की संस्तुति के बाद उनको उतना ही ज्यादा फायदा होगा। तमाम शिकवा-शिकायतों के बावजूद नई वेतन मैट्रिक्स ने हर वर्ग के कर्मियों को मुस्कुराने का मौका दिया है।
वजह, बड़ा अफसर हो या छोटा कर्मचारी, हर किसी को एक ही फार्मूले पर साधने की कोशिश की गई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली प्रदेश कैबिनेट मंगलवार को राज्य वेतन समिति की संस्तुतियों पर अंतिम फैसला करेगी। प्रदेश की सरकारी सेवा में प्रांतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सबसे बड़े ओहदेदार माने जाते हैं। इस सेवा में डिप्टी कलेक्टर पहले पायदान पर हैं। एसडीएम से सेवा शुरू कर रहे कर्मियों को राज्य वेतन समिति की संस्तुतियां स्वीकार किए जाने पर 8,850 रुपये महीने का फायदा होने वाला है।