छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में 180 अलमारियों में 46 सालों से करीब 10 लाख डिग्रियां रखी हुई है जिन्हें लेने वाला कोई नहीं है। हालांकि विश्वविद्यालय की ओर से लगाए गए डिग्री मेले में 152 लोगों ने अपनी डिग्रियां हासिल की। 25 ऐसे लोग थे जिनकी डिग्रियां बनकर तैयार नहीं थी, उनके आवेदन मंगा लिए गए हैं। जल्द ही उन्हें डिग्री दे दी जाएगी। इन 25 लोगों में से कुछ तो सन 1979 बैच के थे। ऐसे आवेदकों को भी बैरंग लौटना पड़ा।
डिग्रियां सहेजते-सहेजते कर्मचारी रिटायर हो गए
यूनिवर्सिटी के डिग्री स्टोर का बड़ा हिस्सा पुरानी डिग्रियों को संजोकर कर रखने के लिए स्टोर रूम की तरह बन गया है। अब विवि ने इन डिग्रियों को संबंधित अभ्यर्थियों को देने का फैसला लिया है और इसके लिए परिसर में विशेष कैंप लगाया है। करीब 45 वर्षों से 10 लाख से अधिक डिग्रियां सुरक्षित रखी हैं, जिन्हें सहेजते हुए कर्मचारी नौकरी पूरी कर रिटायर भी हो गए। युनिवर्सिटी में सन 1975, 1976 व 1977 की करीब 25 हजार डिग्रियां बनी हुई रखी हैं, जिन्हें लेने अब तक कोई अभ्यर्थी नहीं आया।
10 लाख से ज्यादा डिग्रियां
1975, 1976 व 1977 बैच की रखी डिग्रियों में ज्यादातर लोगों ने अपनी डिग्री नहीं ली हैं, जिसकी वजह से तक़रीबन 25 से 26 हजार डिग्रियां यहां संजोकर रखी गई हैं। ऐसा ही सन 1978, 79 और 80 के बैच के साथ भी है। 1980 से लेकर 1990 और 1991 से 2006 तक कुल मिलकर 10 लाख से ज्यादा डिग्रियां यूनिवर्सिटी के डिग्री डिपार्टमेंट के स्टोर रूम की 180 आलमारियों में रखी है।
हर वर्ष करीब डेढ़ से दो लाख छात्र-छात्राएं होते हैं पास
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से हर वर्ष करीब डेढ़ से दो लाख छात्र-छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर उत्तीर्ण होते हैं, जिनकी डिग्री बनती है। डिग्री दीक्षांत समारोह पूरा होने के बाद दी जाती है। ऐसे में अधिकतर छात्र अंक-तालिका के आधार पर अपना भविष्य संवार लेते हैं और जरूरत पड़ने पर ही डिग्री लेने आते हैं।
सन 1975 से 2006 तक की डिग्रियां
विवि के नए कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने स्टोर रूम में सहेजी गई वर्ष 1975 से 2006 तक की रखी डिग्रियों को बांटने का फैसला लिया है। वर्ष 2006 के बाद से डिग्रियां छात्रों के आवेदन के बाद ही बनाई जाती हैं।
152 लोगों ने ली डिग्री
यूनिवर्सिटी में लगे विशेष डिग्री वितरण कैम्प में 152 लोगों ने डिग्रियां ली। वहीं 25 लोग ऐसे रहे, जिनकी उपाधियां तैयार नहीं थी, उनका आवेदन लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन्हें शीघ्र डिग्री बनाकर दे दिया जाएगा।