समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से अब समाजवादी नाम हटा दिया गया है। कैबिनेट ने मंगलवार को इसे मंजूरी दी। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने दावा किया कि यह एक्सप्रेस-वे कुछ परिवर्तन के साथ तैयार होगा। इसके निर्माण में दो वर्ष लगेंगे। पिछली सरकार में किए गए टेंडर स्वत: निरस्त हो गए हैं। अब नए सिरे से ई-टेंडरिंग के जरिए इसके निर्माण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके तैयार होने से बलिया जाने में महज चार घंटे लगेंगे।
महाना ने बताया कि जब तक 80 फीसद जमीन अधिग्रहीत न हो तब तक काम शुरू नहीं हो सकता है। पिछली सरकार करीब 40 फीसद जमीन अधिग्रहीत कर सकी थी। 11 मई तक टेंडर के विस्तार की आवश्यकता थी लेकिन, औपचारिकता पूरी न होने से छह टेंडर स्वत: निरस्त हो गए। सरकार ने तेजी से भूमि अधिग्रहण का फैसला किया है। महाना ने बताया कि इस एक्सप्रेस-वे पर 17187 करोड़ रुपये की लागत आएगी और 354 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी। लखनऊ से आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर तक जाने वाली इस सड़क में अयोध्या और वाराणसी को लिंक रोड के रूप में जोड़ा जाएगा।
वाराणसी के लिए आजमगढ़ से लिंक रोड शुरू होगा। मंत्री ने बताया कि बिड प्रक्रिया को निरस्त करते हुए नये सिरे से बिड प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इस एक्सप्रेस-वे के आठों पैकेजों के लिए निर्माणकर्ताओं के चयन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण समयबद्ध तरीके से पूर्ण कराने के लिए आवश्यक सामग्री जैसे-मिट्टी, बालू, मौरंग, गिट्टी आदि की आपूर्ति के लिए जिलाधिकारियों से ई-टेण्डरिंग के माध्यम से परियोजना विकासकर्ताओं द्वारा सीधे माइनिंग राईट्स लिए जाने की कार्यवाही करने के विकल्प की अनुमति भी प्रदान किए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
इस संबंध में यूपीडा द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सहमति प्राप्त कर यह सुनिश्चित कर लिया जाएगा कि इस कार्यवाही से राज्य सरकार को कोई नुकसान न हो। औद्योगिक विकास अनुभाग ने 29 दिसंबर 2016 के शासनादेश के जरिए इस परियोजना के आठों पैकेजों को ईपीसी पद्धति पर क्रियान्वयन के लिए निर्माणकर्ताओं को चिह्नित किया था।