बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में फरार चल रहे 50 हजार रुपये के इनामी अभियुक्त बीएन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसटीएफ ने गुरुवार को लखनऊ के गोमती नगर विस्तार इलाके से उसे गिरफ्तार किया। बीएन तिवारी लाइव टुडे न्यूज चैनल का मालिक भी है।
लगभग 3500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच कर रही ईओडब्ल्यू की मेरठ इकाई ने बीएन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ से सहयोग मांगा था। ईओडब्ल्यू के अनुरोध पर एसटीएफ ने इससे पहले भी कई अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। बीएन तिवारी के लगातार फरार रहने के कारण ईओडब्ल्यू ने गत एक फरवरी को लखनऊ में गोमती नगर थाना क्षेत्र स्थित बीएन तिवारी के आकर कुर्की की कार्रवाई की थी। इस दौरान घर का लाखों रुपये का सामान कुर्क करके स्थानीय थाना पुलिस की सुपुर्दगी में दे दिया गया था। बीएन तिवारी को भी इस घोटाले में अहम कड़ी माना जाता है, जिसने अपने लखनऊ में बनाए गए संबंधों का लाभ इस ठग कंपनी को दिलवाया था।
निवेशकों का दावा है कि ई-बाइक लांचिंग के लिए बाइक बोट कंपनी से तिवारी को 25 करोड़ रुपये दिए गए। लांचिंग के दौरान दिल्ली के बड़े अधिकारी को भी बुलाया गया। इससे नए लोगों का कंपनी में विश्वास बढ़ गया और दिल्ली-एनसीआर के बड़ी संख्या में लोगों ने कंपनी में रुपया निवेश कर दिया। फर्जीवाड़े की रकम को खपाने में भी उसकी भूमिका रही है।
विगत चार फरवरी को ईओडब्ल्यू ने बाइक बोट घोटाले में फरार चल रहे अभियुक्त विदेश भाटी को गिरफ्तार गौतमबुद्धनगर (नोएडा) के दादरी बस अड्डा तिराहे से गिरफ्तार किया था। लगातार फरार रहने के कारण उसके विरुद्ध कुर्की की कार्रवाई पहले ही की जा चुकी थी। ईओडब्ल्यू ने पिछले दिनों छह आरोपियों के घरों की कुर्की की कार्रवाई शुरू की थी। इसमें बीएन तिवारी के अलावा घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ती बहल, भूदेव, लोकेन्द्र, वीरेश भाटी और बिजेन्द्र हुड्डा शामिल थे। अक्तूबर 2020 में संजय भाटी और उनके दोनो भाइयों सचिन भाटी व पवन भाटी समेत 15 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया था।