25 को कानपुर आएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद :63.20 घंटे रहेंगे, 27 को आधे घंटे में अपने पैतृक गांव परौंख में चार स्थानों का भ्रमण करेंगे; मिलने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा

देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जून को कानपुर आ रहे हैं। वह अपने पैतृक गांव परौंख के लिए दिल्ली से रवाना होंगे। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह पहला मौका होगा। जब वह अपने गांव आ रहे हैं। इसके मद्देनजर शहर में सुरक्षा व्यवस्था और अन्य सुविधाओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

राष्ट्रपति को अप्रैल में ही आना था पैतृक गांव
राष्ट्रपति को अप्रैल के महीने में अपने गांव आना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण संभव नहीं हो पा रहा था। कोरोना की दूसरी लहर का कहर कम होने के बाद राष्ट्रपति पहली बार अपने पैतृक गांव परौंख आ रहे हैं। राष्ट्रपति दिल्ली से प्रेसीडेंशियल ट्रेन से 25 जून को पहले कानपुर पहुंचेंगे।

जनप्रतिनिधियों और उद्यमियों से करेंगे मुलाकात
26 जून को शहर में रहेंगे और जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों, चिकित्सकों, समाजसेवियों और पुराने परिचित लोगों से मिलेंगे। 27 जून को हेलीकॉप्टर से पैतृक गांव परौंख और पुखरायां जाएंगे। मौसम खराब होने की स्थिति में विशेष ट्रेन से ही कानपुर देहात के रूरा या झींझक रेलवे स्टेशन तक जा सकते हैं।

सेना के गेस्ट हाउस में रुक सकते हैं
राष्ट्रपति कैंट स्थित सेना के गेस्ट हाउस में रात्रि निवास कर सकते हैं। हालांकि अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। मुख्य सचिव द्वारा मंडलायुक्त और डीएम के साथ बैठक के बाद ही तय किया जाएगा।

यहां देखें राष्ट्रपति का पूरा कार्यक्रम
राष्ट्रपति इससे पहले तीन बार शहर आ चुके हैं। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द 25 जून को प्रेसीडेंशियल ट्रेन से दोपहर 1.30 बजे दिल्ली से चलेंगे और शाम सात बजे कानपुर सेंट्रल पहुंचेंगे। इस दौरान उनकी ट्रेन सेंट्रल स्टेशन प्लेटफार्म नंबर एक में खड़ी होगी। 26 जून को शहर में रहेंगे।

राष्ट्रपति अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से शहर में हो रहे विकास पर चर्चा भी करेंगे और फिर 27 जून सुबह 9.20 बजे गांव परौंख जाएंगे। वहां अपनों से मिलेंगे और विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।

दोपहर 1.15 बजे से एक घंटे तक पुखरायां के रामस्वरूप ग्रामोद्योग इंटर कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के भी शामिल होने की उम्मीद है। करीब तीन बजे राष्ट्रपति वहां से कानपुर के लिए रवाना होंगे।

शहर में रात्रि विश्राम के बाद 28 जून को सुबह 10.20 बजे प्रेसीडेंशियल ट्रेन से लखनऊ रवाना होंगे। कानपुर में राष्ट्रपति 63.20 घंटे रहेंगे। लखनऊ से 29 जून को शाम 4.30 बजे एयरफोर्स के विमान से दिल्ली जाएंगे।

27 को अपने गांव में चार स्थानों का भ्रमण करेंगे
कानपुर देहात के जिलाधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन का कार्यक्रम मिल गया है। इसके मुताबिक, 27 जून को परौंख में वह आधे घंटे में चार स्थानों का भ्रमण करेंगे। इसके बाद यहां आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। दोपहर सवा एक बजे राष्ट्रपति पुखरायां के लिए रवाना होंगे। वहां अपने मित्र सतीशचंद्र मिश्र के घर जाकर मुलाकात करेंगे।

डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए परौंख और पुखरायां मेें हेलीपैड आदि की व्यवस्था मानकों और प्रोटोकॉल के अनुरूप कर ली जाए। राष्ट्रपति के भ्रमण वाले सभी स्थानों का सुंदरीकरण कराने को भी कहा है। उन्होंने डीआईओएस को परौंख स्थित उच्च प्राथमिक स्कूल के साइन बोर्ड पर ठीक तरह से नाम उल्लेखित कराने सहित परिसर को साफ-सुथरा करने के लिए कहा।

इसे लेकर हुई बैठक में सीडीओ सौम्या पांडेय, एसपी केशव कुमार चैधरी, एडीएम प्रशासन पंकज वर्मा, एडीएम वित्त एवं राजस्व साहब लाल, एएसपी घनश्याम चैरसिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

झींझक व रूरा स्टेशन पर रुक सकती है राष्ट्रपति की ट्रेन
दिल्ली से कानपुर आते समय 25 जून को राष्ट्रपति की विशेष ट्रेन झींझक और रूरा रेलवे स्टेशन पर भी रुकने की संभावना है। झींझक स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव समेत अन्य समस्याओं को लेकर व्यापारी नेता श्याम मोहन दुबे लगातार राष्ट्रपति को पत्र भेजकर मांग करते आ रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रपति स्टेशनों का हाल जानने के लिए कुछ देर रुक सकते हैं।

17 जून को डीआरएम प्रयागराज ने भी झींझक और रूरा रेलवे स्टेशन पहुंचकर व्यवस्था चाक चौबंद बनाने के निर्देश दिए थे। वहीं डीएम ने भी रेलवे के अधिकारियों को तैयारियों दुरुस्त रखने के लिए कहा है।

राष्ट्रपति से मिलने वालों का होगा आरटीपीसीआर टेस्ट
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रपति के आगमन को लेकर काफी सावधानी बरती जाएगी। कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर राष्ट्रपति से मिलने वालों की संख्या सीमित रखी जाएगी। डीएम ने बताया कि राष्ट्रपति से मिलने वालों की लिस्ट बनाई जा रही है। इसमें अधिकतम 50 लोगों को शामिल किया जाएगा। सभी की आरटीपीसीआर जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें मुलाकात की अनुमति होगी।

प्रेसीडेंशियल ट्रेन/सैलून की खासियत
जिस ट्रेन से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शहर आ रहे है उसे प्रेसीडेंसिशल सैलून भी कहा जाता है। यह सैलून बुलेट प्रूफ होने के साथ साथ सभी आधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस दौरान यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल पर खड़ी रहेगी। राष्ट्रपति की सिक्योरिटी टीम ट्रेन की निगरानी करेगी। इस सैलून में सिर्फ दो डिब्बे ही होते है। 1956 में बनी इस स्पेशल ट्रेन में विजिटिंग रूम कम डाइनिंग रूम, कॉन्फ्रेंस कम लाउंज रूम, प्रेसिडेंट के लिए विशेष बेडरूम आउट किचन होता है।

इसके अलावा सेना के ऑफिसर, सेक्रेटरी, डॉक्टर और अन्य स्टाफ के लिए भी अलग रूम होते है। प्लाज्मा टीवी, जीपीएस और जीपीआरएस सिस्टम, इमर्सैट सैटेलाइट एंटेना, 20-लाइन टेलीफोन एक्सचेंज, एक पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगा है।

87 बार किया जा चुका है इस सैलून का प्रयोग
देश के राष्ट्रपति जिस प्रेसीडेंशियल सैलून ट्रेन से सफर कर रहे है, अब तक इसे 87 बार प्रयोग किया जा चुका है। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 1950 में पहली बार इस सैलून का प्रयोग यात्रा के लिए किया था। उन्होंने दिल्ली से कुरुक्षेत्र का सफर प्रेसीडेंशियल सैलून से किया था। इसके अलावा डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ नीलम संजीवा रेड्डी ने प्रेसीडेंसियल सैलून से यात्राएं की थीं। आखरी बार डॉ अब्दुल कमाल ने इसे 2002 में इस्तेमाल किया था।

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