जिनेवा, रॉयटर। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ (Mohammad Javad Zarif) ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार साल 2015 की परमाणु डील पर अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने के लिए तीसरा कदम उठाएगी। यह कदम मौजूदा परिस्थितियों में ही समझौते के ढांचे के अंतर्गत ही उठाया जाएगा। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईसीएएनए (ICANA) ने यह जानकारी दी है।
विदेश मंत्री जरीफ ने कहा कि यदि इस समझौते का अनुपालन दूसरे देशों द्वारा नहीं किया जाता है तो ईरान भी इसे आधे अधूरे तरीके से ही लागू करेगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ईरान सारे कदम समझौते के ढांचे के तहत ही उठाएगा। बता दें कि पिछले साल मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु करार से अमेरिका के हटने का एलान किया था। इसके साथ ही ईरान पर कई सख्त प्रतिबंध थोप दिए गए थे। ईरान ने साल 2015 में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। ट्रंप की घोषणा के बाद ईरान और अमेरिका के रिश्तों में खटास आ गई थी।
अमेरिका ने हाल के महीनों में कई तेल टैंकरों पर हुए हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। ईरान ने गत जून में एक अमेरिकी निगरानी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया था। इसके बाद ट्रंप ने ईरान पर हमले के आदेश दे दिए थे, लेकिन अंतिम क्षणों में वह इससे पीछे हट गए। इधर, ईरान ने परमाणु करार का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन भी तेज कर दिया है। सनद रहे कि ईरान की ओर से संभावित खतरे को देखते हुए अमेरिका ने पश्चिमी एशिया में विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान भी तैनात कर रखे हैं।