होम आइसोलेट संक्रमित मरीजों के इलाज और सुविधा के लिए मेरठ जिला प्रशासन ने तीन ऑक्सीजन सिलिंडर केंद्र खोले हैं। इन केंद्रों पर मरीजों के परिजनों से सुबह दस बजे से लेकर शाम चार बजे तक खाली सिलिंडर लिए जाते हैं और 24 से 48 घंटे के अंदर भरे हुए सिलिंडर मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन यह दावा ही अव्यवहारिक है कि जिस मरीज को ऑक्सीजन की तत्काल जरूरत है, उसे यह ऑक्सीजन 24 घंटे के बाद मिल रही है।
लोगों का कहना है कि इससे कम समय में तो ऑक्सीजन प्लांट से ही सिलेंडर मिल जाते थे। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर अमर उजाला टीम ने तीन केंद्रों में से एक परतापुर स्थित नवभारत विद्यापीठ इंटर कालेज ऑक्सीजन केंद्र की पड़ताल की। यहां हालात चिंताजनक मिले। एक मरीज को 21 घंटे देरी से ऑक्सीजन मिला तो उसने दम तोड़ दिया। ऐसे ही अन्य तीमारदार बेहद परेशान रहे।
ऑक्सीजन की कमी में गई जिगरी दोस्त की जान
दोपहर करीब 12 बजे केंद्र पर ऑक्सीजन सिलिंडर लेने पहुंचे अछरौड़ा निवासी अमरीश शर्मा ने बताया कि माधवपुरम निवासी उनके बीमार दोस्त सुभाष के लिए सोमवार शाम तीन बजे खाली सिलिंडर जमा कराया था। अब वह सिलिंडर लेने पहुंचे हैं।
21 घंटे बाद भरा हुआ सिलिंडर मिल रहा है। वह बात कर ही रहे थे कि अमरीश के फोन पर सूचना मिली कि सुभाष नहीं रहे। इतना सुनते ही अमरीश की आंखों से आंसू बहने लगे। अमरीश बोले कि समय से ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिलने की वजह से उनका जिगरी दोस्त इस दुनिया से चला गया।
घंटों इंतजार के बाद मिला ऑक्सीजन सिलिंडर
शताब्दीनगर निवासी मोहम्मद अनस ने बताया कि उनकी बुआ शाहना बीमार है। उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है। अस्पताल प्रबंधन ने खुद ही ऑक्सीजन का प्रबंध करने को कहा हुआ है। उन्होंने सोमवार शाम करीब चार बजे खाली सिलिंडर दिया था, जो 12:30 बजे मिला है।
दादी को बचाने के लिए 25 घंटे किया इंतजार
ब्रह्मपुरी निवासी सौरभ ने बताया कि उनकी दादी की तबीयत संतोष अस्पताल में भर्ती है। उनके लिए ऑक्सीजन की जरूरत है। सोमवार सुबह 11 बजे सिलिंडर जमा कराया था जो 25 घंटे बाद मिला है।
दूसरे जिले से आया था, नहीं दिया सिलिंडर
मुरादनगर निवासी रवींद्र अपनी बीमार चाची पुष्पा के लिए ऑक्सीजन लेने आया है। रवींद्र ने बताया कि वह सिविल डिफेंस में हैं। दूसरा जनपद होने की बात कहते हुए सिलेंडर भरवाने से मना कर दिया है। सिविल डिफेंस हर आपदा में जान की बाजी लगाकर काम करता है। लेकिन जरूरत पड़ने पर उनकी नहीं सुनी जा रही है।
क्या बोले अधिकारी
परतापुर केंद्र पर सोमवार रात में ही सभी को सिलिंडर आने की सूचना दी गई थी। 20 सिलिंडर वितरित भी किए गए थे। हो सकता कि किसी कारणवश कुछ लोगों के फोन नहीं मिलने की वजह से जानकारी न दी जा सकी हो। -मनीष बंसल, नगर आयुक्त नगर निगम मेरठ
पहले से कम समय में सिलिंडर देने का दावा
ऑक्सीजन सिलिंडरों के मिलने में देरी की शिकायतों पर नगर निगम ने अब पांच से छह घंटे के अंदर ही ऑक्सीजन सिलिंडर मुहैया कराने का दावा किया है। नगर अयुक्त मनीष बंसल का कहना है कि इसके लिए नगर निगम ने पूल सिस्टम तैयार किया है।
जो भी सिलिंडर आते रहेंगे, उन्हें प्लांट पर भेजकर मंगवाया जाता रहेगा। शाम चार बजे आने वाले सिलेंडरों को भी रात 9 बजे से 10 बजे तक हर हाल में दे दिया जाएगा। इसके साथ ही जिन मरीजों की हालत बेहद गंभीर है उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की भी व्यवस्था की जाएगी। किसी भी मरीज को परेशान नहीं होने दिया जाएगा।