ठंड ने बुधवार को तो पिछले सभी रिकार्ड ही तोड़ दिए, तापमान 4 डिग्री तक पहुंच गया। हड्डियों को गला देने वाली ठंड से जूझ रहे लोगों को गुरुवार को राहत मिलने की उम्मीद थी लेकिन ठंड ने फिर से रिकार्ड तोड़ते हुए तापमान 2 डिग्री तक पहुंचा दिया। नतीजतन लोग कड़ाके की ठंड से ठिठुर उठे। आवश्यक कार्यों के लिए घर से निकले लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करते नजर आए।
कहीं अलाव जलाकर ठंड से बचते रहे तो कहीं चाय व ढाबों पर जल रही भट्ठियों के निकट खड़े होकर शरीर को गर्म करने का प्रयास करते रहे। वहीं ज्यादातर सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। उधर ऐसे मौसम में पाला पड़ने की आशंका ने किसानों को चिंतित कर दिया है। उनका कहना है कि यदि पाला पड़ेगा तो सबसे ज्यादा आलू की फसल को नुकसान होगा।
अकबरपुर के सीताराम व राममगन तथा भीटी के अवधेश व अनंतराम ने कहा कि अभी तो फसलों पर कोई प्रभाव नहीं है लेकिन ऐसे मौसम में पाला पड़ने की आशंका अधिक होती है। यदि पाला पड़ता है या फिर ओलावृष्ट होती है तो न सिर्फ आलू की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ेगा बल्कि फूल वाली फसलों को भी नुकसान हो सकता है।
लगातार गिरते तापमान के बावजूद जिले में कंबल वितरण का कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अधिकारियों व कर्मचारियों के लगे होने के चलते कंबल वितरण में तेजी नहीं आ पा रही है।
ऐसा तब है, जब दिसंबर की शुरुआत में ही कंबल वितरण के लिए प्रत्येक तहसील को ढाई-ढाई लाख व सार्वजनिक स्थानों पर अलाव के लिए 50-50 हजार रुपये शासन से जिले को उपलब्ध हो गया था। अब जबकि आचार संहिता भी लग चुकी है तो ऐसे में कंबल वितरण में कितनी गति आ सकेगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
रात्रि में यात्रा करने वालों व रिक्शा चालकों के लिए अकबरपुर नगर के बीएन इंटर कॉलेज तथा अकबरपुर रेलवे क्रॉसिंग के निकट रैन बसेरे की स्थापना तो कर दी गई है लेकिन आवश्यक सुविधाएं नदारद हैं। टेंट लगाकर बनाए गए इन रैन बसेरों में न तो अलाव की समुचित व्यवस्था है और न ही चिकित्सक की ही तैनाती है। और तो और सुरक्षा के मद्देनजर रैन बसेरे के इर्दगिर्द बैरीकेडिंग भी नहीं की जा सकी है।
ऐसे में इन रैन बसेरों में रात में पहुंचने वाले लोगों को भारी दिक्कत हो रही है। मौसम को देखते हुए सभी परिस्थितियों पर प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है। कंबल का वितरण विभिन्न क्षेत्रों में कराया गया है। अलाव भी जल रहे हैं।
अपर जिलाधिकारी रामसूरत पांडेय ने बताया कि मौसम विज्ञान विभाग कुमारगंज के वैज्ञानिक का कहना है कि ठंड व गलन का असर लोगों को कुछ ज्यादा ही महसूस हुआ। दिन में धूप होने के बाद भी पहाड़ों की बर्फबारी पछुआ हवा के साथ मैदानों में पहुंची तो गलन और महसूस हुई।
कहा कि पछुआ हवा तो आग में घी डालने जैसा काम कर रही है। अगले दो दिनों तक ऐसा ही मौसम रहने तथा ठंड गलन बढ़ने व तापमान के और गिरने की संभावना है। शुक्रवार तक पुराना रिकार्ड टूटने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम होकर 18 और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम होकर दो डिग्री पर था।