देश के करीब 2.69 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की पहली किस्त अब तक नहीं मिली है। यह जानकारी कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने राज्यसभा में दी है। पुरुषोत्तम रूपाला के मुताबिक इन किसानों के बैंक खातों की राज्य सरकारों द्वारा केन्द्र सरकार को त्रुटिपूर्ण तथ्य मुहैया कराया जाना है।
कृषि राज्य मंत्री ने राज्यसभा में प्रश्नकाल में बताया, ‘आठ राज्यों (असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड) के 2,69,605 किसानों के बैंक खातों की जानकारियां त्रुटिपूर्ण होने के कारण इन्हें पहली किस्त नहीं मिल पाई। राज्य सरकारों से इन त्रुटियों को दुरुस्त कर सही विवरण मंत्रालय को देने को कहा है। ”
रूपाला ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि तीन राज्यों, झारखंड, नगालैंड और मणिपुर में किसानों के भूस्वामित्व संबंधी ब्योरा नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया कि मणिपुर और नगालैंड में अधिकतर कृषि भूमि का मालिकाना हक किसानों के बजाय समुदायों के पास है। कृषि राज्य मंत्री के मुताबिक मणिपुर सरकार ने राज्य में गांव के मुखिया द्वारा किसानों को सामुदायिक भूमि पर खेती करने के लिए अधिकृत करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके समाधान के लिए मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति बनाई है।
समिति का प्रस्ताव है कि इन दोनों राज्यों में गांव के मुखिया द्वारा जिन किसानों को खेती करने के लिए अधिकृत करने की राज्य सरकार द्वारा सत्यापित जानकारी केन्द्र सरकार को दी जाएगी, उन्हें पीएम किसान योजना के लाभार्थी के रूप में दर्ज कर लिया जाएगा। झारखंड के बारे में रूपाला ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से ऐसे किसानों की वंशावली तैयार की जा रही है जिनके 1932 के बाद भू अभिलेख में नाम दर्ज नहीं हुए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने राज्य सरकार से अनुमोदित वंशावली को मान्यता देने का फैसला किया है।