लोकतंत्र के चौथा अस्तम्भ मिडिया पर लगातार बढ़ रही जानलेवा हमले की घटना से पत्रकारों में रोष व्याप्त है। बुधवार को त्रिपुरा में मारे गए पत्रकार के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग के लिए लखनऊ के जीपीओ पर पत्रकारों ने सांकेतिक धरना दिया।
ज्ञात हो कि त्रिपुराके एक निजी चैनल में काम करने वाले पत्रकार शांतनु भौमिक की बुधवार को पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है।
पत्रकार की हत्या तब की गई जब वो पश्चिमी त्रिपुरा के मंडई में दो समूहों इंडीजेनस पीपुल्स फ्रॉंट त्रिपुरा और त्रिपुरा राजेर उपजाति गणमुक्ति परिषद की रैली को कवर करने गए थे। शांतनु की हत्या पर त्रिपुरा की जर्नलिस्ट यूनियन ने सीबीआई इन्क्वायरी की मांग की है। अगरतला प्रेस क्लब और त्रिपुरा वर्किंग जर्नलिस्ट बृहस्तपतिवार को शांति मार्च करेंगे।
त्रिपुरा के डीआईजी अरिंदम नाथ ने कहा कि आईपीएफटी के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार 28 वर्षीय शांतनु भौमिक अगरतला से 35 किलोमीटर मंडई में आईपीएफटी और टीआरयूजीपी जो सीपीआईएम का आदिवासी विंग है में हुई झड़प को कवर करने गए थे। गुस्साई भीड़ ने शांतनु पर हमला बोल दिया। भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था।
अगरतला के एक पत्रकार ने बताया कि शांतनु को भीड़ ने पहले पैर पर मारा और जब वह सड़क पर गिर गए तब उसके सिर पर वार किया। फिर उसे घसीटते हुए वहां के स्टेडियम में ले गए। पुलिस को शांतनु की डेड बॉडी स्टेडियम के पीछे मिली है।