बीजेपी की यूपी में रिकार्ड जीत से बौखलाई विपक्ष ने म इवीएम में छेडछाड़ करके जीत हासिल करने का आरोप लगाया था तो एवीएम पर सवाल उठने लगने लगे थे उसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार नगर निगम के चुनाव मतपत्रों से कराने का फैसला किया है। इस बाबत संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। हालांकि इस फैसले के पीछे ईवीएम की उपलब्धता न होने को वजह बताया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नगर निगमों के चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग से ईवीएम की मांग की है, जिसके बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वर्ष 2012 में राज्य निर्वाचन आयोग ने पहली बार नगर निगम चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल किया था।
राज्य निर्वाचन आयोग मई के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने की तैयारी में है। इसी तारीख को देखते हुए सभी जिलों को तैयारियों के निर्देश जारी किए गए हैं। वर्ष 2012 में नगर निगम के चुनावों में आयोग ने ईवीएम का इस्तेमाल किया था। ऐसे में माना जा रहा था कि इस बार भी ऐसा ही होगा, लेकिन पांच राज्यों में हुए चुनाव के बाद जिस तरह ईवीएम को लेकर विवाद खड़े हुए हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, उसे देखते हुए ही शायद राज्य निर्वाचन आयोग मतपत्र की ओर लौट रहा है। इलाहाबाद के निकाय चुनाव के सहायक निर्वाचन अधिकारी दिनेश तिवारी ने बताया कि इस बार नगर निगम के चुनाव मतपत्रों के जरिए कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग से इस तरह के निर्देश प्राप्त होने के बाद उसी के अनुरूप तैयारी की जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग की तत्परता वसे एसा लग रहा है की नए निकाय का गठन जुलाई में हो जाएगा ऐसा अधिकारियों का भी मानना है की शासन कि मंशा है की चुनाव समय पर किसी भी कीमत पर कराई जाए ।