बरेली। तीन तलाक पूरे देश में बहस का मुद्दा बना हुआ है। आए दिन तीन तलाक से पीड़ित महिलाएं पीएम मोदी और यूपी के सीएम आदित्यनाथ के पास अपनी परेशानी लेकर आती हैं। हाल ही में एक ऐसी मुस्लिम महिला का मामला सामने आया है जिसकी कहानी सुनहर आपकी रूह कांप उठेगी। तारा खान नाम की इस महिला के एक, दो नहीं बल्कि तीन बार तीन तलाक हो चुके हैं, और इन्हें चौथे तलाक होने का डर है।
तीन बार तीन तलाक से पीड़ित इस महिला को चौथा तलाक होने का है डर
जी हां, इस बात पर किसी के लिए भी यकीन करना थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि किसी भी महिला के लिए एक बार टूटे रिश्ते के दर्द को संभालना मुश्किल होता है लेकिन इस महिला की हिम्मत की तारीफ करनी होगी। 35 साल की तारा का पिछले 12 सालों में तीन बार तलाक हो चुका है, और अब उन्हें डर है कि अगर चौथी बार भी उनका तलाक होता है वो बुरी तरह टूट जाएगीं। इन सबमें सबसे बुरी बात ये है कि तारा पढ़ी-लिखी नहीं हैं।
अपनी आपबीती सुनाते हुए तारा ने बताया कि उनकी पिछली तीन शादियां क्यों और कैसी टूटीं। तारा ने बताया, ‘बीते 12 साल मेरे लिए किसी बुरे सपने की तरह रहे। अगर ऐसा फिर होता है तो मेरे लिए कोई जगह नहीं बचेगी।’ तारा और उनके चौथे शौहर शमशाद की बरेली के परिवार काउंसलिंग सेंटर में काउंसलिंग चल रही है।
12 साल में हुईं चार शादी और तीन तलाक
तारा की पहली शादी बरेली के जाहिद खान नाम के शख्स से हुई थी। शादी के 7 साल गुजर जाने पर उनकी कोई संतान नहीं हुई, जिसकी वजह से उनके शौहर ने दूसरी शादी कर ली और उन्हें तलाक दे दिया। तारा ने बताया कि शौहर से तलाक के बाद वह अपने रिश्तेदारों के घर में रहने लगीं। इसके बाद उनकी रिश्तेदार ने पप्पू खान नाम के शख्स के साथ उनका निकाह करा दिया। तारा ने बताया कि कैसे दूसरे शौहर ने भी उन्हें अपनी जिंदगी से बेदखल कर दिया। वह कहती हैं, ‘पप्पू मेरे साथ मारपीट किया करता था। एक दिन मैंने जब विरोध किया तो उसने अपशब्द कहे और मुझे छोड़ दिया। मेरी दूसरी शादी तीन साल में खत्म हो गई।’
पीएम मोदी और सीएम योगी से मदद की उम्मीद
तीन बार तलाक के बाद तारा शादी नहीं करना चाहती थीं, लेकिन उनका परिवार उन्हें एक और शादी के लिए मनाने में कामयाब हो गया। तारा ने बीती जुलाई में शमशाद नाम के शख्स से निकाह किया। अपने पिछले अनुभवों से डरी हुईं तारा कहती हैं, ‘मेरे साथ बहुत बुरा हुआ है और मैं डरी हुई हूं कि अगर शमशाद ने मुझे छोड़ दिया तो मैं सड़क पर आ जाऊंगी। मेरे 5 भाई मानते हैं कि मैं परिवार की बदनामी का कारण बनी और अब वे मुझे अपने पास नहीं रखना चाहते। मैं नहीं चाहती कि यह शादी खत्म हो, चाहे जो हो जाए। लेकिन शमशाद भी मेरे पूर्व शौहरों की तरह हैं, मुस्लिम महिला कहां जाए? बीते 12 सालों में मैंने बहुत दुख झेले हैं, अब और नहीं लड़ सकती।’
तारा कहती हैं, ‘अगर जरूरत पड़ी तो मैं इस मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ तक ले जाऊंगी, मैं चाहती हूं कि मेरा शौहर मुझे अपने साथ रखे।’ परिवार काउंसलिंग सेंटर में काउंसलर खलिल कादरी ने कहा, ‘हम शमशाद और तारा को एक करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और उनका तलाक नहीं होने देंगे।’
ऐसे मामले में एक के बाद एक शादी करना सही उपाय नहीं है। ऐसे में महिलाओं को अपने हक के लिए खुद लड़ना होगा, जिसके लिए सबसे जरूरी है उनका पढ़ा-लिखा होना। हालांकि यूपी के सीएम योगी ने ऐसी महिलाओं के लिए ऐलान किया है कि वो जल्द ही एक आश्रम बनवाएंगे जिसमें तीन तलाक से पीड़ित महिलाएं रह सकती हैं और वहां उन्हें तमाम तरह के काम भी सिखाएं जाएंगे जिससे वो अपनी जिंदगी को आगे बढ़ा सकती हैं।