देवरिया। क्रय किए गए धान के बदले कस्टम मिल्स राइस (सीएमआर) वापस नहीं करने के मामले में शासन खफा है। जिले के 18 मिल मालिकों ने करीब 1.65 करोड़ मूल्य के साढ़े आठ हजार क्विंटल चावल डकार लिए। मुख्य सचिव के निर्देश पर इन मिल मालिकों के खिलाफ शिकंजा कसने की तैयारी है।
वसूली के लिए कुर्की, गिरफ्तारी जैसी कार्रवाई की जाएगी। खाद्य विभाग का कहना है कि वर्ष 2011-12 का मेसर्स महालक्ष्मी आटा राइस मिल सोनूघाट 14.76 लाख, साहू ट्रेडर्स एजेंसी उसरा 11 लाख, नवदुर्गा ट्रेडर्स 3.46 लाख, मां शारदा उद्योग एवं राइस मिल 17.16 लाख, हनुमान ट्रेडर्स बैतालपुर 8.63 लाख, भारतीय खाद्य भंडार गौरीबाजार 11 लाख, न्यू अन्नपूर्णा ट्रेडर्स गौरीबाजार 5.36 लाख, अन्नपूर्णा राइस उद्योग गोरीबाजार 23.92, शिवम राइस मिल सलेमपुर 1.17 लाख, जगदंबा इंटरप्राइजेज भाटपाररानी 12 लाख, प्रकाश राइस मिल गौरीबाजार 91 हजार, शिव शक्ति राइस मिल गौरीबाजार 30 लाख, मातेश्वरी ट्रेडर्स गौरीबाजार 49 हजार मूल्य के चावल वापस नहीं किए। वर्ष 2012-13 में मेसर्स गणेश राइस मिल चकरवा घूस पर 34.02 लाख, गोविंद राइस मिल रामपुर कारखाना पर 21 लाख का चावल बकाया है।
मुख्य सचिव ने पिछले माह धान खरीद की समीक्षा की। पिछले सालों के अवशेष सीएमआर की वसूली के लिए आरसी जारी के बावजूद वसूली नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि विभागीय अधिकारी डीएम से समन्वय स्थापित कर लंबित धनराशि की वसूली कराएं। वसूली नहीं होने की स्थिति में मिलर्स के खिलाफ दर्ज एफआईआर, लंबित आरसी के खिलाफ कुर्की, गिरफ्तारी आदि दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
मुख्य सचिव के निर्देश पर उप्र राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के अधिशासी निदेशक श्रीप्रकाश गुप्ता ने डीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई का अनुरोध किया है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि वसूली की कार्रवाई तेज कर दी गई है।