उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के बेगमपुल के होटल औसम से पकड़े गए 42 युवक-युवतियों में से 36 को रविवार देर रात उनके परिजनों की सुपुर्दगी में पुलिस ने छोड़ दिया। होटल के मैनेजर और अकाउंटेंट सहित छह कर्मचारियों को सोमवार को जेल भेज दिया गया। एक दिन पहले सेक्स रैकेट पकड़ने का हल्ला मचाने वाली पुलिस की जांच में ऐसा कुछ भी नहीं निकला। सभी युवक-युवती बालिग मिले और आईडी प्रूफ पर कमरा लेकर उसमें ठहरे हुए थे। बैकफुट पर आई पुलिस को अब होटलकर्मियों पर सरकारी कार्य में बाधा, बलवा आदि धाराओं में कार्रवाई करनी पड़ी है।
रविवार को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट सहित सदर और लालकुर्ती थाने की पुलिस ने बेगमपुल स्थित होटल औसम में छापेमारी की थी। यहां से 18 लड़कियों सहित 42 को पकड़ा था। सभी को एएचटीयू थाने लाकर लंबी पूछताछ की गई। सभी युवक-युवती बालिग पाए गए। जांच में वह आईडी प्रूफ देकर कमरों में ठहरे हुए मिले। इसमें कई मंगेतर तो ज्यादातर प्रेमी-प्रेमिका थे। देर रात तक छानबीन के बाद भी पुलिस को ऐसा कोई प्रूफ नहीं मिला, जिससे होटल में सेक्स रैकेट चलना साबित हो सके। देर रात पुलिस ने 36 युवक-युवतियों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
इस मामले में होटल मैनेजर सुधीर कुमार, एकाउंटेंट प्रखर रस्तोगी सहित पंकज कुमार, रवि, दीपक और अशोक उर्फ आशू को गिरफ्तार किया है। होटल मालिक उमेश गर्ग फरार है। सभी के विरुद्ध पुलिस से मारपीट करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, बलवा व जान से मारने की धमकी देने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। यह मुकदमा सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने लालकुर्ती थाने में दर्ज कराया है। पुलिस ने सोमवार को सभी छह आरोपियों को कोर्ट में पेश किया और जेल भेज दिया गया।
पुलिस ने यह कराया मुकदमा
सब इंस्पेक्टर मनोज के अनुसार उन्हें होटल औसम में देह व्यापार की सूचना मिली। पुलिस फोर्स को इकट्ठा कर होटल पर छापेमारी की गई। इस दौरान होटल के कर्मचारियों ने पंजीकरण रजिस्टर नहीं दिया और पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। रजिस्टर कब्जे में लेने पर पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता और मारपीट की गई। सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाई इन्हीं धाराओं में पुलिस ने केस दर्ज किया है।
देर रात तक हुई माथापच्ची
रविवार को जब छापेमारी हुई तो सभी पुलिस अधिकारियों ने होटल में सेक्स रैकेट चलने का दावा किया। पुलिस के आला अधिकारियों ने तो यह बयान तक दिया कि सभी 42 के विरुद्ध अनैतिक देह व्यापार अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। लेकिन देर रात तक जब सेक्स रैकेट जैसी कोई चीज नहीं मिली तो इस पर माथापच्ची होती रही कि आखिर किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए। इसके बाद पुलिस ने सेक्स रैकेट के बजाय दूसरी धाराओं में मुकदमा कायम किया।
आर्कषण बहुत, संरक्षण कम
मेरठ कालेज के मनोवैज्ञानिक डॉ. मृदुला शर्मा ने कहा है कि सोशल मीडिया की गिरफ्त में युवा वर्ग बहुत अधिक है। आर्कषण जरूरत से ज्यादा आ गया है। हर समय हर चीज को पाने की चाह हो रही है। सही गाइडलाइन नहीं मिल पा रही है। बड़ों के संरक्षण में बच्चे कम हैं। संयुक्त परिवार भी नहीं रहे। इसलिए युवा वर्ग का भटकाव बहुत हो गया है। जरूरत है संस्कारों को ग्रहण करने की और बड़ों व बुजुर्गों का संरक्षण बेहद जरूरी है।
स्कूलों में नहीं मिल रही नैतिक शिक्षा
इस्माईल डिग्री कालेज की डॉ. शिवाली अग्रवाल ने कहा कि स्कूलों में अब नैतिक शिक्षा खत्म हो चुकी है। बहुत कम स्कूल हैं, जो नैतिक शिक्षा का ज्ञान दे रहे हैं। 12वीं के बाद बच्चों के अंदर खुलेपन की संस्कृति हावी होती है और उन्हें केवल आर्कषण की जिंदगी दिखाई देती है। लक्ष्य भी वह तय नहीं कर पाते हैं। बच्चों को शुरुआत से ही नैतिक शिक्षा व संस्कार स्कूल व घर दोनों में देने होंगे।