देश की ई-वॉलेट कंपनी फ्रीचार्ज ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि वैश्विक ऑनलाइन भुगतान कंपनी पेपाल उसकी 25 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदेगी। रविवार को मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया था कि फ्रीचार्ज की 25 फीसदी हिस्सेदारी पेपाल लगभग 20 करोड़ डॉलर में खरीद सकती है।
फ्रीचार्ज के प्रवक्ता ने सोमवार को एक बयान में कहा, “मीडिया में खबरें आई हैं कि पेपाल द्वारा फ्रीचार्ज की हिस्सेदारी खरीदने को लेकर चर्चा हुई है। यह खबर पूरी तरह मनगढंत है, इसका कोई आधार नहीं है।”
नोटबंदी की घोषणा के पहले 24 घंटे के अंदर ही स्नैपडील के स्वामित्व वाली फ्रीचार्ज पर उपयोगकर्ताओं की संख्या में 12 गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी और तब से लेकर अब तक यह बढ़ोतरी जारी है।
स्नैपडील के सह-संस्थापक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कुणाल बहल ने आईएएनएस से कहा, “नोटबंदी के पहले 24 घंटे के दौरान वॉलेट पर लोड पिछले 30 दिनों के औसत के मुकाबले 12 गुना तक बढ़ गया था।”
बहल ने कहा कि लोगों द्वारा फ्रीचार्ज डाउनलोड करने, मोबाइल वॉलेट के लिए रजिस्ट्रेशन करने तथा उपयोगकर्ताओं द्वारा व्यापारियों के लेनदेन में औसत आधार पर रोजाना 10-15 गुना की बढ़ोतरी हो रही है।
फ्रीचार्ज की स्थापना 2010 में हुई थी, जिसे पिछले साल अप्रैल में स्नैपडील ने लगभग 45 करोड़ डॉलर में खरीद लिया था।