वाराणसी के हाईप्रोफाइल केस डाक्टर रीना हत्याकांड के मुख्य आरोपित पति आलोक सिंह ने गुरुवार की सुबह कैंट थाने में सरेंडर कर दिया। रीना की हत्या के आरोप में आलोक के माता पिता भी नामजद हैं। मंगलवार को ही तीनों को अदालत ने फरार घोषित किया था। लेकिन सरेंडर केवल आलोक ने किया है। पुलिस आलोक से पूछताछ में जुटी है। आज ही आलोक को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड की कोशिश करेगी।
डाक्टर रीना की दो जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में घर पर ही मौत हो गई थी। पति आलोक ने सीढ़ी से गिरने के कारण मौत की जानकारी दी थी। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि रीना सीढ़ी नहीं छत से गिरी हैं। इसके बाद रीना के पिता की तहरीर पर पति आलोक सिंह, ससुर ज्ञान प्रकाश सिंह अौर सास सावित्री सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया।
एक पखवारा से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस रीना के पति, सास अौर ससुर को गिरफ्तार नहीं कर सकी तो पुलिस अदालत की शरण में चली गई। अदालत से पहले तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कराया गया। इसके बाद भी गिरफ्तारी नहीं होने पर मंगलवार को कुर्की के तहत कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पशुपति नाथ मिश्र की अदालत ने पति आलोक सिंह, ससुर ज्ञान प्रकाश सिंह व सास सावित्री सिंह को फरार घोषित कर दिया था। इसी के बादअंदेशा था कि आलोक सरेंडर कर देगा।
इससे पहले, कैंट थाना क्षेत्र के टैगोर टाउन में दो जुलाई की सुबह स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रीना की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की जानकारी दी गई थी। डॉ. रीना की मौत को हत्या बताते हुए उनके पिता रंगनाथ सिंह ने गुरुवार को पति, सास अौर ससुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
रीना का मोबाइल भी गायब
पुलिस की मानें तो डाक्टर रीना का मोबाइल फोन भी गायब था। इसे लेकर पिता रंगनाथ सिंह ने कैंट थाने में तहरीर दी थी। पिता ने आशंका जताई थी कि यदि रीना का मोबाइल पुलिस जब्त नहीं करती है तो उनके पति डॉ. आलोक सिंह मोबाइल से सारे साक्ष्यों को नष्ट कर देगा। परिजनों ने डॉ. आलोक की जल्द गिरफ्तारी की मांग भी की थी. पुलिस ने दावा किया था कि डॉ. रीना व डॉ. आलोक के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि दोनों किससे-किससे बातें करते थे। कहीं झगड़े की वजह कुछ और भी तो नहीं थी? डॉ. रीना ने एक जुलाई की रात पिता को फोन किया था तो उनमें कितनी देर तक बात हुई थी?
डाक्टर आलोक के चेहरे पर नहीं थी शिकन
डॉ. आलोक के पड़ोस में रहने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि दो जुलाई की सुबह छह बजे जब वह अपनी बालकनी में पेपर लेने के लिए आए तो डॉ. रीना नीचे अचेत हालत में पड़ी हुई थीं। इसी दौरान डॉ. आलोक भी घर के अंदर से मोबाइल पर बात करता हुआ निकला। डॉ. रीना को गिरा हुआ देखने के बाद भी उसके चेहरे पर शिकन नहीं दिखी। उसने एक व्यक्ति से मदद मांगी और गाड़ी में डालकर अस्पताल ले गया। डॉ. आलोक का किसी भी पड़ोसी से अच्छा संबंध नहीं था। इस कारण लोगों को घर के अंदर होने वाली गतिविधि के बारे में भी नहीं पता है। डॉ. रीना भी घर से कम निकलती थीं। इसलिए किसी का डॉ. आलोक के परिवार से कोई सम्पर्क नहीं था।
आएएस एमपी सिंह पर जांच प्रभावित करने का आरोप
डॉ. रीना के चाचा कैंट क्षेत्र के रमरेपुर निवासी मंगरु सिंह ने आरोप लगाया कि डॉ. आलोक के बहनोई आईएएस अधिकारी एमपी सिंह के दबाव में जिले के कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी जांच को हल्का करने में लगे हैं। यही वजह है कि तहरीर में एमपी सिंह का नाम होने के बाद भी उनके खिलाफ केस दर्ज नहीं है। साथ ही हत्या का मामला दर्ज होने के बावजूद अब तक आलोक की गिरफ्तारी नहीं हुई है। डा. रीना के चचेरे भाई आलोक सिंह उर्फ बब्बू ने पूरे मामले की किसी एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। वह संबंध में वह एडीजी बृजभूषण से भी मिलेंगे।