फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने सयुंक्त राष्ट्र संघ से सीरिया सरकार के खिलाफ कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने सरकार को नरसंहार ने लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इस हमले पर यूनाइटेड नेशंस सिक्यॉरिटी काउंसिल की इमर्जेंसी बैठक बुलाने की अपील की है।
द सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार खान शेखौन में सीरिया की सरकार और रूसी जेट के हमले में लोगों के दम घुटने की बात सामने आई है। ब्रिटेन आधारित सीरियाई ऑब्जवेटरी के मानवाधिकार संगठन ने बताया कि हमले के प्रभावित लोगों के मुंह से झाग निकल रहे हैं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। साथ ही कई लोगों के बेहोश होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के विरोधियों द्वारा स्थानीय समन्वय समितियों के नेटवर्क के हवाले से ऐसे लोगों की तस्वीरें भी प्रकाश में आई हैं। हालांकि सीरिया सरकार अब तक रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से लगातार इंकार करती रही है।
जहरीली गैस का यह हमला मंगलवार की सुबह आवासी इलाके में एक जंगी विमान द्वारा किया गया। संयुक्त राष्ट्र और ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वीपन के मुताबिक वर्ष 2014 से 2015 के बीच सरकारी सेना ने कम से कम 3 बार क्लोरीन गैस का हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है।
यह रिपोर्ट पिछले साल अक्टूबर में सामने आई थी। जांच में यह भी पाया गया कि आईएस के आतंकवादियों ने हमले के दौरान मस्टर्ड गैस का उपयोग किया था। इसके कारण प्रभावित होने वाले लोगों के शरीर पर फफोले निकल आए थे।