उत्तर प्रदेश में कोरोना को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के पालन पर लगातार जोर दिया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग मानने को तैयार नहीं हैं। कहीं धर्म स्थलों पर लोगों के एकत्र होने तो कहीं दूसरे तरीकों से सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार करने के मामले सामने आ रहे हैं। इनसे नाराज और फिक्रमंद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिर जोर देकर अधिकारियों से कहा है कि कहीं भी भीड़ न जुटने दें, कोई आयोजन न हो जाए, नहीं तो अब तक की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
कोरोना से बचाव, उपचार और लॉकडाउन की व्यवस्थाओं के लिए गठित टीम-11 के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर समीक्षा बैठक की। योगी ने कहा कि कोरोना से निपटने का सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है, इसलिए लॉकडाउन की अवधि में जो जहां मौजूद है, वहीं रहे और सोशल डिस्टेंसिंग को माने। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में एल-1, एल-2 और एल-3 अस्पतालों में मौजूद बेडों की स्थिति की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शेल्टर होम में रखे गए जिन संदिग्धों का 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरा हो गया हो, उन्हें खाद्यान्न सामग्री देते हुए उनके घर पर 14 दिन का होम क्वारंटाइन कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ऐसे लोगों की गंभीरता से निगरानी करने को कहा है। इसके अलावा गेहूं की कटाई के लिए किसानों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अनुमति दी गई है। उन्होंने किसानों के लिए 1900 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य निर्धारित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने टीम-11 की सभी कमेटियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समय के साथ सभी गतिविधियों को और गहन करने जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहना चाहिए।