नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा। सोमवार को पूरे दिन धरना चला। एकजुट महिलाओं ने केंद्र सरकार से सीएए वापस लेने और एनआरसी लागू न करने की मांग की। इस विरोध-प्रदर्शन में बच्चे व पुरुष भी शामिल रहे।
रोशनबाग के मंसूर अली पार्क में रविवार शाम से मुस्लिम महिलाएं एकजुट होकर सीएए व एनआरएसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं। प्रदर्शनकारी पूरी इस ठंड में भी रविवार रात धरना स्थल पर डटे रहे। सोमवार को भी पूरे दिन विरोध प्रदर्शन चला। सैकड़ों की संख्या में जुटीं महिलाओं के हाथ में तिरंगा झंडा होने के साथ पम्फ्लेट व पोस्टर भी हैं।
सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुछ छात्राएं भी इसमें शामिल हुईं। सभी ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। माइक व स्पीकर के जरिए महिलाओं ने केंद्र सरकार से सीएए वापस लेने व एनपीआरसी लागू नहीं करने की मांग की। उनका कहना है कि केंद्र सरकार ने उन्हें अपने ही वतन में पराया कर दिया। उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पूरे दिन धरना स्थल पर सीएए व एनआरसी से आजादी के नारे लगाए गए। महिलाओं व लड़कियों के हाथ में सीएए व एनआरसी रिजेक्ट के पोस्टर थे।
महिलाओं ने जिला व पुलिस प्रशासन पर भी सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। महिलाओं ने कहा कि जब हम लोग विरोध-प्रदर्शन करते हैं तो रोका जाता है लेकिन जब इसके समर्थन में हजारों लोग जुलूस निकालते हैं तो उन्हें रोकना तो दूर सुरक्षा मुहैया कराई जाती है। इसके पहले इस देश में इस तरह कभी नहीं हुआ। महिलाओं ने कहा कि उनका यह विरोध-प्रदर्शन बेमियादी है। जब तक सरकार उनके दर्द को नहीं सुनेगी, तब तक उनका धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा।