अब भारत में सरकारी नौकरी करने वाले ‘सिंगल मेल पैरेंट्स’ को चाइल्ड केयर लीव का फायदा मिलेगा.
केंद्र सरकार ने उन कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है जो सिंगल मेल पैरेंट हैं. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि ऐसे सरकारी पुरुष कर्मी अब बच्चों की देखरेख संबंधी छुट्टी लेने के हकदार हैं. इस श्रेणी में वैसे पुरुष कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जो विधुर या तलाकशुदा या अविवाहित हैं और इस कारण एकल अभिभावक के रूप में उन पर बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी है. इस कदम को सरकारी कर्मचारियों के लिए अहम सुधार बताते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि आदेश कुछ समय पहले जारी कर दिए गए थे, लेकिन किन्ही वजहों से जनता में इसका पर्याप्त प्रचार नहीं हो पाया.
इस प्रावधान में थोड़ी और ढील दिये जाने की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बच्चों की देखभाल से संबंधित अवकाश पर जाने वाला कोई कर्मचारी अब सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति से मुख्यालय छोड़ सकता है. उन्होंने कहा कि पहले साल ‘चाइल्ड केयर लीव’ को 100% लीव सैलरी की तरह यूज कर सकते हैं. अगले साल से इसे 85% लीव सैलरी की तरह इस्तेमाल कर पाएंगे.
दिव्यांग बच्चे के लिए भी बदलाव
जितेंद्र सिंह ने एक अन्य बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि दिव्यांग बच्चे के मामले में, चाइल्ड केयर लीव को बच्चे की 22 वर्ष की आयु तक ही दिए जाने के प्रावधान को हटा दिया गया है. इसके साथ ही अब किसी भी उम्र के दिव्यांग बच्चे के लिए सरकारी कर्मचारी द्वारा चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठाया जा सकता है.
पीएम मोदी के हस्तक्षेप की वजह से सुधार
जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और शासन सुधारों पर उनके विशेष जोर की वजह से पिछले छह वर्षों में कई उल्लेखनीय निर्णय लेना संभव हुआ है. उन्होंने कहा कि इन सभी फैसलों का मूल उद्देश्य हमेशा एक सरकारी कर्मचारी को अपनी अधिकतम क्षमता के साथ योगदान करने में सक्षम बनाना रहा है.