मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान कर कहा कि राज्य में नर्मदा के किनारे चल रही शराब की दुकानों को वह बंद करेंगे। यही नहीं सीएम ने कहा है कि नर्मदा उत्सव के दौरान मीट की दुकानें भी बंद रहेंगी। अगले वित्त वर्ष से इन शराब की दुकानों की नीलामी नहीं होगी। इसके साथ ही नर्मदा के किनारे बसे गांव में लोगों से नशामुक्त गांव का संकल्प पत्र भी भरवाया जाएगा।
शिवराज सोमवार को जबलपुर के पास बरगी में नर्मदा सेवा यात्रा में शामिल हुए। बाद में उन्होंने वहां एक जनसभा को भी संबोधित किया। नर्मदा यात्रा 11 दिसम्बर को नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से शुरू हुई थी। आज इस यात्रा का 16वां दिन था। इस सभा में शिवराज ने खुद लोगों को नर्मदा शुद्धि के लिये संकल्प भी दिलाया।
शिवराज सिंह चौहान ने हजारों लोगों के बीच यह ऐलान किया कि नर्मदा का जल सब नदियों में सबसे अच्छा और पवित्र है। उन्होंने लोगों को बताया कि पूरे प्रदेश में किस तरह नर्मदा को गंदा किया जा रहा है। उनकी सरकार क्या कदम उठाने वाली है। शिवराज ने ऐलान किया कि अब नर्मदा में न तो मुर्दों को प्रवाहित करने की अनुमति होगी और न ही देवी और गणेश की मूर्तियों के विसर्जन की। नर्मदा के किनारे बसे सभी प्रमुख गांवों और शहरों में सरकार श्मशान घाट बनवाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे खुद आगे आकर ऐसा करने वालों को रोकें।सरकार उनकी मदद करेगी।नर्मदा के तट पर शिवराज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने मोदी के स्वच्छता अभियान का उल्लेख किया और नर्मदा के किनारे रह रहे लोगों से अपील की कि सुबह उठ कर नर्मदा के किनारे निवृत्त होने की वजह घरों में शौचालय बना कर उनका इस्तेमाल करें। 11 दिसम्बर को शुरू हुई नर्मदा सेवा यात्रा 11 मई तक चलेगी। नर्मदा के दोनों तटों पर यह यात्रा कुल 3,344 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस यात्रा में सरकार फिलहाल सारथी की भूमिका में है।