कभी-कभी पूरक आहार फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकते हैं. शोधकर्ताओं का मानना है कि पूरक आहार के तौर पर विटामिन, मिनिरल का सेवन करना दिल के लिए कतई फायदेमंद नहीं बल्कि कई मामलों में यह नुकसानदायक ही साबित होते हैं. एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसीन नाम के जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक पूरक आहार जिन्हें सप्लीमेंट्स के नाम से जाना जाता है, अगर कैल्शियम और विटामिन डी से युक्त हैं तो ये आपके लिए दिल के दौरे का कारण बन सकते हैं.इस सम्बंध में हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं कि कैल्शियम या फिर विटामिन डी का स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल असर पड़ता है.वेस्ट वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर सैफी यू. खान ने अपने इस अध्ययन में कहा, “हमारे विश्लेषण से एक सरल संदेश मिलता है कि हालांकि कुछ सबूत भी हो सकते हैं कि कुछ हस्तक्षेपों से मृत्यु और हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है.”
इस संबंध में गाजियाबाद के कोलम्बिया एशिया अस्पताल के कंसल्टेंट कार्डियोलाजिस्ट अभिषेक सिंह ने कहा कि पूरक आहार का ह्रदय के स्वास्थ्य पर कोई सकारात्मक असर नहीं होता है.
सिंह ने कहा, “ह्रदय सम्बंधी जटिलताओं से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि ऐसे भोजन से बचा जाए जो दिल के लिए अच्छा नहीं है. इसमें ट्रांस फैटी एसिड्स शामिल हैं. साथ ही कार्बोहाइड्रेट के सेवन को भी सीमित करना होता है.”
सिंह ने कहा कि लोगों को स्वस्थ ह्रदय के लिए अधिक से अधिक हरी सब्जियां खानी चाहिए. वे विटामिन के और आहार नाइट्रेट में समृद्ध हैं, जो धमनियों की रक्षा करने और रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं.
इस सम्बंध में नई दिल्ली स्थित क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, डायटिशन और हील योर बॉडी के संस्थापक रजत त्रेहन का कहना है कि उत्तम जीवन के लिए हरी सब्जियों और फलाहार पर निर्भर रहा जाए तो सबसे उत्तम है. साथ ही साथ स्वस्थ ह्रदय के लिए व्यायाम और योग का भी सहारा लिया जा सकता है लेकिन पूरक आहार के नाम पर शरीर के असुंलित करने वाले पदार्थों का सेवन उचित नहीं हैत्रेहन ने कहा, “इस तरह के अध्ययन कैल्शियम और विटामिन डी पूरक के उपयोग से नुकसान के बारे में चिंता बढ़ाते हैं. जहां तक विटामिन डी सप्लीमेंट (कैल्शियम के बिना) का संबंध है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि इसका हृदय संबंधी जोखिम कम करने पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं लेकिन इन सब पचड़ों से अलग रहते हुए अगर फलों, हरी सब्जियों के साथ-साथ सात्विक भोजन का सेवन किया जाए और शरीर को चुस्त रखा जाए तो कोई बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को छू नहीं सकती.”