लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है। जहां शनिवार को समाजवादी पार्टी के एमएलसी और प्रवक्ता बिकुल नवाब सहित 3 एमएलसी ने विधान परिषद के अध्यक्ष रमेश यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
पार्टी न रहकर अब अखाडा बन गई है। उन्होंने पिता पुत्र (मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव) को जोड़ने की काफी कोशिश की, लेकिन दोनों एक- दूसरे से सुलह करने को तैयार ही नहीं हैं। कार्यकर्ता वहाँ घुटन महसूस कर रहे हैं।
लगभग 40 वर्षों से सार्वजनिक जीवन बसर कर रहे श्री नवाब को मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता है। श्री नवाब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अच्छा काम कर रहे हैं। दोनों ही सबका साथ सबका विकास नीति पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रशंसा में कसीदे पढ़ रहे श्री नवाब के भाजपा में शामिल होने की अटकलें हैं। श्री नवाब के एक नजदीकी ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में वह शाम तक ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं। विधान परिषद में उनका कार्यकाल छह जुलाई 2022 तक था।
वहीं समाजवादी पार्टी के विधान यशवंत सिंह ने भी आज अपना इस्तीफा विधान परिषद के अध्यक्ष को सौंप दिया है। नवाब के साथ ही पार्टी के नेता मधुकर जेटली भी इस्तीफा दे सकते हैं। कयास लगाया जा रहा है कि ये तीनों नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
MLC के इस्तीफे पर बोले अखिलेश-
सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने एमएलसी के पार्टी छोड़ने पर मीडिया से कहा कि एमएलसी और एमएलए को लालच देकर बीजेपी तोड़ रही है। बीजेपी जनता के बीच जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। बिहार में इन लोगो ने राजनीतिक भ्रष्टाचार किया और अब गुजरात में कांग्रेस को तोड़ने में लगे हैं।
अखिलेश ने कहा कि एमएलसी तोड़ना राजनीतिक भ्रष्टाचार है। बुक्काल नवाब अगर क़ैद नही हुए होंगे तब मैं उनसे पूछूँगा की क्या कारण है। अगर मायावती चुनाव लड़ती हैं तो मैं केवल इतना कहूँगा की समाजवादियो के सबसे अच्छे सम्बंध है। परिस्थिति के अनुसार राजनीति में किसकी कब मदद करनी पड़े , उसके लिए तैयार रहना चाहिए।