लखनऊ : उत्तर प्रदेश ब्रिज कारपोरेशन में सपा सरकार में जुगाड़ के बल पर सेवा विस्तार पाए घनश्याम पाण्डेय ने इस्तीफा दे दिया . निगम मुख्यालय में यह चर्चा बना हुआ है कि कल मुख्यमंत्री के यहा एमडी का प्रजेंटेशन देना है जिसमे सेवा विस्तार की सवाल मुख्यमंत्री न पूछ ले इसी डर से एमडी नुसरत खान ने लखनऊ के जीएम घनश्याम पाण्डेय से पद से इस्तीफा ले लिया है .
ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी सरकार में सैकड़ो अधिकारी मलाईदार पद पर मोटी रकम देकर जमे थे . योगी सरकार के सख्त रुख को भापते हुए बिजली विभाग के एमडी एससी मिश्र ने इस्तीफा सौप दिया . उसके बाद मुख्य सचिव ने आदेश दिया की जो भी अधिकारी सेवा विस्तार के द्वारा पद पर बने है उनकी नियुक्ति स्वत: निरस्त मानी जाएगी . उसके बाद भी ब्रिज कारपोरेशन में कई अधिकारी जमे रहे . जिसकी जानकारी के लिए लोकनिर्माण टाइम्स ने एमडी से पूछा की ब्रिज कारपोरेशन में कितने अधिकारी एक्स्टेंशन पर है तो एमडी ने कहा कि हमारे यहा कोई अधिकारी नही है. लेकिन आज जीएम लखनऊ का इस्तीफा एमडी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है कि किसतरह शासन के आदेश की धज्जिया उड़ाई गई .
इन अफसरों पर गिरी थी गाज
इनके अलावा सीएम कार्यालय में विशेष कार्याधिकारी गंगाराम, शिव प्रसाद, राम सिंह, मुन्नर, राजपाल सिंह यादव और आनंद प्रकाश जोशी को सेवा विस्तार रद्द कर दिया गया है. भूमि सुधार निगम की पुष्पा सिंह, योजना आयोग में मृदुला सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी रमेश चंद्र यादव, कर निबंधन में संयुक्त सचिव सूर्य प्रताप, कार्मिक अनुसचिव एम सिद्दीकी, अशोक कुमार मेहरोत्रा, राम बाबू यादव, इकबाल सिद्दीकी, सुरेश कुमार शर्मा आदि के नाम प्रमुख हैं.
जिन अफसरों को सेवा विस्तार दिया गया, उनमें राज्यपाल के सचिव चंद्र प्रकाश, वेतन आयोग में सचिव अजय अग्रवाल, बजट विशेषज्ञ सचिव वित्त मुकेश मित्तल, बजट सलाहकार व विशेष सचिव लहरी यादव, न्याय विभाग में सुरेंद्र नाथ श्रीवास्तव, जीएसटी विशेषज्ञ श्री चंद्र द्विवेदी, राज्य निर्वाचन अयोग में विशेष कार्याधिकारी जय प्रकाश सिंह के शामिल हैं.