आखिरकार तय हो ही गया कि यूपी का समर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस मिलकर लड़ेंगे। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने अटक-अटक कर आगे बढ़ी इस दोस्ती का एलान किया।
सपा 298 और कांग्रेस 105 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। सरकार बनने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मुख्यमंत्री होंगे। दोनों पार्टियों ने सांप्रदायिक ताकतों के मंसूबों को सफल न होने देने, भाजपा-बसपा के सफाए और सूबे की तरक्की के लिए गठबंधन को जरूरी बताया।
साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में नरेश उत्तम ने कहा कि यह गठबंधन बसपा और भाजपा सरीखी साप्रदायिक शक्तियों को उखाड़ फेंकेगा। इसे सीटों का बंटवारा न समझा जाए। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए दोनों दलों ने नई सुबह की शुरुआत है।
राजबब्बर ने कहा कि कांग्रेस के समर्थकों और आम बुद्धिजीवियों के अनुरोध पर गठबंधन का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है। इससे भाजपा की विघटनकारी नीतियों को चुनौती दे सकेंगे और धर्म निरपेक्ष ताकतों को मजबूती मिलेगी। साथ ही प्रदेश की आर्थिक उन्नति के द्वार भी खुलेंगे।
सपा और कांग्रेस के किसी भी नेता ने संवाददाताओं के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। यह भी नहीं बताया कि कांग्रेस को कौन सी 105 सीटें मिलेंगी। नरेश उत्तम और राजबब्बर, दोनों ही अपना भाषण कागज पर लिखकर लाए थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने उसे सिर्फ पढ़ दिया।
पांच सितारा होटल में मिलन
सपा-कांग्रेस गठजोड़ का मिलन राजधानी की पांच सितारा होटल में हुआ। पहले सपा मुख्यालय पर यह एलान होना था, लेकिन राज बब्बर ने सपा दफ्तर जाने से इन्कार कर दिया। आधे घंटे बाद मीडिया को होटल में बुलाकर दोनों प्रदेश अध्यक्षों ने चुनाव में साथ उतरने की बात कही।