कोरोना महामारी के दौरान निजामुद्दीन मरकज की तब्लीगी जमात कोविड-19 वायरस की सबसे बडी कैरियर बनकर सामने आई लेकिन अब गुजरात में तुर्कमान गेट की जमात ऐ शूरा के करीब 11 सौ सदस्यों के आने की बात सामने आई है। इनमें से 4 के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं।
पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने बताया कि दिल्ली निजामुद्दीन मरकज से गुजरात में आए 127 लोगों की पहले पहचान की जा चुकी है। इनमें 3 लोगों की ओर पहचान की गई है। राज्य में मरकज से आए 130 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इन सभी को क्वारंटाइन कर सभी आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। झा ने बताया कि भरुच में शूरा जमात के मरकज से आए 4 लोगों के टेसट पॉजिटिव मिले हैं। शूरा के 1095 लोग गुजरात आए हैं प्रशासन को इसकी जानकारी भी मिली जिसके बाद से सरकार व प्रशासन काफी चौकन्ना है।
शूरा जमात के 1095 में से 4 भरुच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, ये सभी तमिलनाडु से ट्रेन के जरिए अंकलेश्वर पहुंचे तथा वहां से बस के जरिए भरुच पहुंचे थे।
क्या है जमात ऐ शूरातब्लीगी
क्या है जमात ऐ शूरातब्लीग जमात के ग्लोबल हेडक्वार्टर निजामुद्दीन मरकज के अमीर मौलाना जुबेर के निधन के बाद मौलाना साद मरकज के अमीर बन बैठे तो मौलाना जुबेर के पुत्र जुहेरुल हसन ने तुर्कमान गेट पर मौलाना इब्राहिम के साथ मिलकर जमात ए शूरा का संचालन करने लगे। मौलाना साद व जुहेरुल हसन में मरकज पर कब्जे को लेकर भारी तनातनी है तथा लॉकडाउन के दौरान गैरकानूनी गतिविधियों के चलते साद के कानूनी शिकंजे में फंसने के बाद मरकज की कमान भी जमात ऐ शूरा के हाथ में आ सकती है।