भारत और श्रीलंका के बीच जारी तीन मैचों की सीरीज के दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में नौ खिलाड़ियों के आइसोलेशन में रहने के बाद टीम इंडिया को बचे हुए 11 खिलाड़ियों के साथ मैच में उतरना पड़ा। क्रुणाल पांड्या कोविड-19 टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए, जबकि बाकी आठ खिलाड़ी उनके क्लोज कॉन्टैक्ट में रहने के चलते आइसोलेशन में हैं। टीम मैनेजमेंट को बचे हुए 11 खिलाड़ियों को मैच में उतारना पड़ा। मैच से पहले टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने मजाकिया अंदाज में कहा भी कि हमें 11 खिलाड़ी चुनने के लिए 11 खिलाड़ियों के ऑप्शन मिले हैं और सभी खेल रहे हैं। द्रविड़ ने मैच से पहले कहा कि जब आप 10-15 खिलाड़ियों को टीम में चुनते हो, तो आप उन्हें मैदान पर उतारने के मकसद से ही चुनते हो।
राहुल द्रविड़ ने कहा, ‘जब हम वनडे सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर चुके थे, तब हमने वनडे सीरीज में भी नए खिलाड़ियों को खेलने का मौका दिया था। लेकिन यहां परिस्थितियों की वजह से हमें सीरीज जीतने से पहले ही ऐसा करना पड़ रहा है। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि जब आप टीम इंडिया के लिए 15-20 खिलाड़ियों में चुने जाते हो, तो आप प्लेइंग XI में खेलने के लायक हो। मुझे नहीं लगता कि सिलेक्टर्स खिलाड़ियों को इसलिए चुनते हैं कि वे बेंच पर बैठें या छुट्टियां मनाकर आएं।’
भारत ने श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टी20 इंटरनेशनल मैच में जिन 11 खिलाड़ियों को उतारा, उनमें से चार तो अपना डेब्यू टी20 इंटरनेशनल मैच खेल रहे थे। मैच की बात करें तो श्रीलंका ने एक बार फिर टॉस जीता और भारत के खिलाफ पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। कप्तान शिखर धवन ने 40 रनों की पारी तो खेली, लेकिन इसके लिए उन्होंने 42 गेंदों का सामना किया। डेब्यू करने वाले गायकवाड़ ने धवन के साथ पारी का आगाज किया, लेकिन 18 गेंद पर 21 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद देवदत्त पडीक्कल आए और 29 रनों की पारी खेली। पडीक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया। संजू सैमसन ने एक बार फिर निराश किया और महज 7 रन बनाकर आउट हुए, जबकि नीतीश राणा भी 9 रन से आगे नहीं बढ़ सके। भारत ने 20 ओवर में पांच विकेट पर 132 रन बनाए। अकीला धनंजय ने दो विकेट लिए। जवाब में श्रीलंका ने 19.4 ओवर में छह विकेट पर 133 रन बनाकर मैच अपने नाम किया। धनंजय डि सिल्वा 34 गेंद पर 40 रन बनाकर नॉटआउट लौटे और मैन ऑफ द मैच चुने गए।