गंगा दशहरा का पावन पर्व श्रद्धा, उल्लास से मनाया जा रहा है। सूर्योदय से पूर्व संगम समेत गंगा, यमुना के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं।
रवियोग होने से पर्व का महात्म्य और बढ़ गया है। कोरोना के कारण लोगों ने घर में भी गंगाजल मिलाकर स्नान, दान किया। घाटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन कर मनोवांक्षित फल की कामना की।
सूर्यदेव को अर्घ्य देकर गंगा मां के निमित्त दीप जलाकर पूजन किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने सत्तु, मटका, हाथ का पंखा, फल आदि दान कर मंगल कामना की।मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन स्नान, दान से अनजाने में हुए 10 पापों से मुक्ति मिलती है। प्रयागराज सेवा समिति की ओर से गंगा गान और आरती, पूजन किया गया।