पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार में मनमाने ढंग से शिवपाल यादव समेत 58 प्रभावशाली लोगों के मकानों को लैंड यूज़ चेंज कर कमर्शियल करने पर रोक लगा दी गई है. एलडीए कमिश्नर अनिल गर्ग ने कार्रवाई कर प्रस्ताव बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेज दिया है.
जिन प्रभावशाली लोगों के मकानों को कमर्शियल करने का प्रस्ताव रद्द किया गया है उनमें पूर्व मंत्री शिवपाल यादव, मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता, मुलायम के समधी और संधान अरविन्द विष्ट व अम्बी विष्ट, एलडीए के पूर्व वीसी सतेन्द्र सिंह और सचिव आवास पंधारी यादव शामिल हैं.
इतना ही नहीं 13 प्रभावशाली लोगों के मकानों को आपत्ति व सुझाव लेकर कमर्शियल से आवासीय किया जाएगा. इसके लिए मौके पर कैंप लगाकर आपत्तियों की सुनवाई होगी. साथ ही 258 और लोगों के आवासीय मकानों को कमर्शियल करने के प्रस्ताव पर भी रोक लगा दी गई है.
सभी को सील करने का आदेश
बिना मंजूरी और कमर्शियल शुल्क जमा किए व्यवसायिक गतिविधियां करने वाले 58 मकानों को तत्काल सील करने का आदेश दिया गया है. कमिश्नर के निर्देश पर एलडीए सचिव अरुण कुमार ने उन्हें सील करने का आदेश जारी कर दिया है. उन्होंने सभी इंजीनियरों को आदेश दिया है कि ऐसे सभी मकानों को तत्काल सील कराएं जिन्होंने बिना पूरी प्रक्रिया का पालन किए अपने मकानों में व्यावसायिक निर्माण और गतिविधियां शुरू कर दी हैं.
लाभ कमाने के लिए मनमाने ढंग से बदला गया था लैंड यूज़
दरअसल कमर्शियल आवास की कीमत आवासीय से 4-5 गुना ज्यादा होती है. उसमें दुकान, शोरूम कुछ भी खोला या बनाया जा सकता है. जबकि आवासीय में सिर्फ मकान बन सकता है.
ऐसे किया गया खेल
प्रभावशाली लोगों के मकान को कमर्शियल करने में काफी खेल किया गया. कोई आपत्ति व सुझाव न कर पाए इसके लिए छोटे अखबारों में विज्ञापन दिया गया. जिन लोगों के मकानों को कमर्शियल किया जा रहा था, विज्ञापन में उनके नाम छिपा लिए गए. उनके नाम की जगह सिर्फ प्लाट के नंबर दिए गए.