उत्तर प्रदेश सरकार के कड़े रूख के बावजूद राजधानी लखनऊ में सोमवार को हजारों की तादाद में शिक्षामित्रों ने जोरदार प्रदर्शन कर अपनी बहाली के पक्ष मे आवाज बुलंद की। हाई कोर्ट में समायोजन संबंधी याचिका के निरस्त होने के बाद स्थानीय लक्ष्मण मेला पार्क में बड़ी संख्या में शिक्षामित्र एकत्र हुए। उधर, किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिये सरकारी इमारतों समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों में बडी तादाद में सुरक्षा बल तैनात किये गये थे। इसके बावजूद हजरतगंज और विधानसभा के पास शिक्षामित्रों और पुलिस के बीच हल्की फुल्की झड़प हुयी।
शिक्षामित्रों ने जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद सत्याग्रह की शुरुआत की थी। सुरक्षा के मद्देनजर धारा 144 लगा दी गई है। कई जिलों से हजारों की तादाद में शिक्षा मित्र लक्ष्मण मेला स्थान पर पहुंचे।
शिक्षामित्रों के प्रदर्शन के मद्देनजर लखनऊ जिला प्रशासन ने कल रात से धारा 144 लगा दी थी। सभी जिलों को एडवाइजरी जारी कर कहा गया था कि शिक्षामित्रों को लखनऊ जाने से रोका जाये मगर तमाम बंदोबस्त को धता बताते हुये हजारों शिक्षामित्र आज यहां जमा हो गये।
प्रदर्शन में शामिल होने वाले जिलाध्यक्ष योगेश भड़ाना ने कहा कि शिक्षामित्र पिछले 16 सालों से सेवा दे रहे हैं। अधिक उम्र होने के कारण उनके सामने रोजगार का कोई विकल्प नहीं बचा है। ऐसी दशा में उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है।
शिक्षामित्रों ने ऐलान किया था कि योगी आदित्यनाथ सरकार उनकी समस्यायों का निदान करने में असफल रही है। इसलिये वे आज यहां विशाल प्रदर्शन करेंगे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि शिक्षामित्रों को लक्ष्मण मेला पार्क में रोका गया है और पार्क से बाहर आने की किसी को इजाजत नहीं है। जिले में धारा 144 के उल्लघंन किसी को नहीं करने दिया जायेगा।
लखनऊ से सटे जिलों से आ रहे शक्षिामित्रों को शहर के बाहर ही रोकने की कोशशि की जा रही है। रास्ता रोकने से नाराज शक्षिामित्रों ने कई जगह सड़क जाम कर दिया है। शहर के बाहर से ही लोगों को वापस भेजा रहा है। पुलिस ने बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर से आ रही बसों को लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर रोक दिया गया है। उन्नाव में भी पांच बसों को वापस कर दिया गया है। जिसमें सैकड़ों की मात्रा में लोग राजधानी कूच कर रहे थे। शिक्षा मित्रों की भीड़ के मद्देनजर रेलवे स्टेशन पर पुलिस को विशेष चौकसी बरतने के निदेर्श दिए गये हैं।
आजमगढ़ में संयुक्त शिक्षा मित्र संघर्ष समिति के संयोजक हरेंद्र सिंह, देवसी प्रसाद यादव ने कहा कि जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह आंदोलन का कल अंतिम दिन था।
अभी नहीं तो कभी नहीं नारे के साथ लक्ष्मण मेला पार्क में अनिश्चितकाल के लिए धरना के लिए डटे रहना होगा। जब तक मांग पूरी हो जाती है,तब तक लखनऊ से वापस नहीं होना है।
अमरोहा जिले में शनिवार को शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा आंदोलन के तीसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम खून से चिट्ठी लिखी तथा कटोरा लेकर सड़क उतर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भीख मांगी। इससे पूर्व सुबह के समय शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय पर तालाबंदी कर गेट पर धरना दिया था। सोमवार से शिक्षामित्र लखनऊ मुख्यालय पर धरना देंगे।समायोजन निरस्त होने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा मांग पूरी न करने पर तीसरे दिन शिक्षामित्रों का आंदोलन उग्र हो गया। शनिवार को सुबह के समय शिक्षामित्रों ने बीएसए आफिस के गेट पर ताला जड़ दिया। गेट के बाहर ही दरी बिछा कर धरना देना शुरू कर दिया। धरने में जिलाध्यक्ष योगेश भड़ाना ने कहा कि शिक्षामित्र पिछले 16 सालों से सेवा दे रहे है। अधिक उम्र होने के कारण उनके सामने रोजगार का कोई विकल्प नहीं बचा है, ऐसी दशा में उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है।