कलेक्ट्रेट परिसर में मानदेय वृद्धि के लिए शिक्षामित्रों का चल रहा आमरण अनशन मंगलवार को भी जारी रहा। अब तक सात अनशनरत शिक्षामित्रों में से पांच शिक्षामित्र जिला अस्पताल पहुंच गए है।
पांचवे शिक्षामित्र की तबीयत मंगलवार को अचानक खराब होने पर जहां साथी शिक्षामित्रों ने जिला अस्पताल पहुंचाया। वहीं शिक्षामित्र एवं शिक्षकों में इसको लेकर आक्रोश भड़क उठा।
कलेक्ट्रेट में आयोजित अनशन सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अधिकांश शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बना दिया। लेकिन जिन शिक्षामित्रों का समायोजन अब तक नहीं किया गया उनका मानदेय बढाया जाना लाजिमी है।
कहा कि मानदेय नहीं बढ़ाना शिक्षकों के साथ घोर अन्याय है। कहा कि इस बात पर हम लोगों ने कई बार अपत्ति जताई। हम लोग 22 दिसंबर से अनशन कर रहे है। शिक्षक नेता अवधेश सिंह ने कहा कि हमारे शिक्षामित्रों को प्रदेश सरकार न्याय नहीं होने दे रही है। इसका आगामी विस चुनाव में असर देखने को सरकार को मिलेगा। शिक्षक नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सरकार को सच्चे मन से सोचना होगा।
संगठन के महामंत्री पंकज कुमार सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई अनहोनी हुई तो शासन-प्रशासन को नतीजा भुगतने के लिए तैयार होना पड़ेगा। इस दौरान निर्णय लिया गया कि 28 दिसंबर को भी जिले के शिक्षक एवं शिक्षामित्र कलेक्ट्रेट में पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर रामेश्वर सिंह, घनश्याम चौबे, गोपालल पाठक, राजेश सिंह, अजय किशोर सिंह, विजय शंकर सिंह, रमाशंकर, गणेश सिंह, विद्यासागर दूबे, तेजप्रताप सिंह, परवेज, अजीत, जितेंद्र आदि रहे।