सरकार केंद्र के समान सातवें वेतन आयोग की संस्तुति की तरह अन्य मांगों को मानते हुए शासनादेश निर्गत करे। जिला कोषाध्यक्ष जयप्रकाश मणि ने कहा कि तीन फरवरी को जिला मुख्यालय और 16 मार्च को लखनऊ के लक्ष्मण झूला पार्क में विशाल धरना-प्रदर्शन किया किया गया था। सरकार ने कई मांगों को मानने का लिखित आश्वासन दिया था।
इसके बाद भी सरकार गंभीर नहीं है। धरना के बाद शिक्षक शक्ति प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। मुख्यमंत्री को संबोधित आठ सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। इसमें पुरानी पेंशन योजना लागू करने, पुलिस की बर्बरता से लखनऊ में मरे शिक्षक रामअशीष सिंह के परिवारवालों को नौकरी और 50 लाख रुपये देने, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई, राज्य कर्मचारियों की तरह शिक्षकों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा देने, मृतक आश्रित को बीटीसी का प्रशिक्षण दिलाकर शिक्षक पद पर नियुक्त करने का शासनादेश निर्गत करने, पति-पत्नी दोनों को आवास भत्ता का लाभ देने की मांग की गई है।
धरने की अध्यक्षता संरक्षक रामवृक्ष सिंह और संचालन ऋषिकेश जायसवाल ने किया। धरना और प्रदर्शन में डॉ. सत्यप्रकाश सिंह, जयप्रकाश मिश्र, संजय मिश्र, आनंद यादव, बैजनाथ पति त्रिपाठी, लालकृष्ण सिंह, बसंती राय, गायत्री तिवारी, मंजू त्रिपाठी, गुंजा गुप्ता समेत सैकड़ों शिक्षक शामिल रहे।