नई दिल्ली- दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चल रहे धरने में पिछले दिनों 4 महीने के नवजात बच्चे की मौत पर ‘राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार’ जीतने वाली 10 साल की बच्ची जेन गुणारत्न सदावर्ते (Zen Gunratan Sadavarte) ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को पत्र लिखा है। जेन ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से पत्र लिखकर गुहार लगाई है कि इस तरह के धरने प्रदर्शन में बच्चों को शामिल ना किया जाए। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन बनाए।
आपको बता दें कि जेन गुणारत्न सदावर्ते एक बहादुर बच्ची है। जेन को इसी साल ‘राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार’ से नवाजा गया है। जेन को मुंबई के क्रिस्टल टॉवर में लगी आग से 17 लोगों की जान बचाने के लिए ‘राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। जेन ने स्कूल में हादसों से निपटना सीखा था। जब क्रिस्टल टॉवर में आग लगी थी तब इस 10 साल की बच्ची ने बहुत हिम्मत और सूझ बूझ से काम लेकर क्रिस्टल टावर की आग से 17 लोगों की जान बचाई थी।
बता दें इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन के खिलाफ दायर याचिका पर आगामी 7 फरवरी को सुनवाई करेगा। वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने शाहीन बाग के बंद पड़े रास्ते को खुलवाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसके अलावा याचिकाकर्ता की मांग है कि हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या हाईकोर्ट के कोई मौजूदा जज इस पूरे मामले की निगरानी करें।