एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी ने एक साथ 75 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। इनकी जगह पर नए पुलिसकर्मियों को मौका दिया जाएगा। गोपनीय जांच रिपोर्ट, व्हाट्सएप पर मिली शिकायतों की जांच और एसपी-सीओ स्तर के अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इसके बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
थानेदारों के मुंह लगे पुलिसकर्मी जो कल तक कारखास थे, अब बैंक ड्यूटी पर जाएंगे और बंदियों की पेशी कराएंगे। इन सभी के खिलाफ एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा है। एसएसपी ने थानेदारों के ठेकेदारों से लेकर वसूली और अवैध धंधों के सरपरस्त बने पुलिस-जीप के चालकों तक को लाइन का रास्ता दिखा दिया है। कुछ ऐसे पुलिसकर्मी भी कार्रवाई की जद में आए हैं, जो सुरागरशी के नाम पर पूरा दिन सादे कपड़ों में घूमते थे और सिर्फ थानेदारों के काम देखते थे। इस कार्रवाई के बाद अगला नंबर भ्रष्ट इंस्पेक्टर और एसओ का माना जा रहा है।
डीजीपी का आदेश है कि हर जिले में सिर्फ एक एसओजी सक्रिय रहेगी। इस आदेश को ताक पर रखकर हर थाने में इंस्पेक्टर-एसओ ने अपने कारखास पुलिसकर्मियों की प्राइवेट एसओजी बनाई हुई थी। इनमें से ज्यादातर ऐसे पुलिसकर्मी थे, जिन पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। ये ही कारखास एसओ-इंस्पेक्टर का हर काम देखते थे। इन कारखास में से ज्यादातर के नाम इस लिस्ट में शामिल किए गए हैं। एसएसपी के इस प्रयास के बाद जिले की पुलिसिंग में तो सुधार होगा ही, जनता को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ेगी। जिले में बाकी पुलिसकर्मी भी ईमानदारी से काम करेंगे।
वर्षों से बना हुआ था तिलस्म
एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी ने मेरठ पुलिस के ऐसे तिलस्म को तोड़ा है, जो वर्षों से बना हुआ था। कई कप्तान आए और चले गए। लेकिन इन पुलिसकर्मियों का न तो गठजोड़ टूटा और न ही भ्रष्टाचार के मामलों में कोई कार्रवाई हो सकी। कई एसएसपी ने तो ऐसी व्यवस्था कर दी थी कि इन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी दूसरे थानों में थी। बिना ट्रांसफर अलग थाने में ड्यूटी कर रहे थे। इन सभी बातों के प्रमाण भी एसएसपी के पास पहुंचे हैं और इसे लेकर भी जांच बैठा दी गई है।
व्हाट्सएप पर शिकायतें, हर गोरखधंधे में पुलिस का हाथ
पुलिस अधिकारियों ने कई पुलिसकर्मियों की गोपनीय जांच की। कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट भेजी गई। पिछले कुछ समय में एसएसपी ने पुलिस के भ्रष्टाचार को लेकर जो व्हाट्सएप नंबर जारी किया था, उस पर भी लगातार शिकायतें आ रही थी। इन्हें लेकर भी पूरी जांच कराई गई। पुराना ट्रैक रिकार्ड देखा गया। इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ पूर्व में की गई शिकायतों का ब्यौरा तलब किया गया। उन मामलों में क्या एक्शन हुआ, इसकी भी जानकारी की गई। शिकायतें ज्यादातर भ्रष्टाचार और उत्पीड़न से जुड़ी थी, इसलिए कार्रवाई की गई।
12 लाख की कार और दो लाख के मोबाइल
इन पुलिसकर्मियों को लेकर एसपी और सीओ से भी जानकारी मांगी गई थी। दूसरी ओर इन पुलिसकर्मियों की कार्यशैली की गोपनीय रूप से निगरानी कराई जा रही थी। खुलासा हुआ कि कई पुलिसकर्मी 10-12 लाख की कार लेकर चलते हैं और दो-दो लाख रुपये के मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। शहर की पॉश कॉलोनियों में मेरठ के अंदर ही आलीशान कोठियां बना ली हैं। बाकी संपत्ति भी जुटाई हुई है। ये स्थिति उन पुलिसकर्मियों के साथ ही है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार और थाने की ठेकेदारी की शिकायतें हैं।
इन पर कार्रवाई
लिस्ट में 37 कांस्टेबल के नाम हैं। इसके अलावा 32 हेड कांस्टेबल, दो दारोगा और चार चालक हैं जो थाने की जीप पर चलते थे। इस कार्रवाई के बाद नए पुलिसकर्मियों को मौका मिलेगा और पुलिसिंग बेहतर बनेगी।