उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021-22 से न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू होगा। यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। वह गुरुवार को योजना भवन स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल से विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे।
डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालयों में अभियान चलाकर पहली अप्रैल 2020 से कोविड एवं नान कोविड मृत्यु के प्रकरणों में सभी देयकों का भुगतान किया जाए तथा मृतक आश्रितों को नियमानुसार नियुक्ति दी जाए। इसी तरह पदोन्नति के योग्य शिक्षकों को नियमानुसार शीघ्र पदोन्नति दी जाए।
वर्ष 2020-21 की परीक्षाओं के संबंध में उन्होंने निर्देश दिया कि 15 अगस्त 2021 तक परीक्षाएं कराकर अगस्त के अंतिम सप्ताह तक परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाए।
परीक्षा की अवधि डेढ़ घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्नातक व स्नातकोत्तर में 15 अगस्त से प्रवेश शुरू किया जाए और प्रयास यह हो कि प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन हो। इसके बाद सितंबर माह से शैक्षिक सत्र 2021-22 को शुरू कर दिया जाए।
उप मुख्यमंत्री ने महाविद्यालयों के ऑनलाइन संबद्धता से संबंधित लंबित प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और महाविद्यालयों के ऑनलाइन संबद्धता से संबंधित अनापत्ति प्रमाणपत्र जुलाई में जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने और थर्ड पार्टी जांच कराकर शासन को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों को सेंटर आफ एक्सीलेंस के प्रस्ताव भी शासन को भेजने के निर्देश दिए।
बैठक में रोजगारपरक नए कोर्स जैसे बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, नर्सिंग व फार्मेसी शुरू करने की प्रगति तथा वित्तीय वर्ष 2021-22 में रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना के तहत प्राप्त प्रस्तावों पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस गर्ग, सचिव उच्च शिक्षा शमीम अहमद खान, विशेष सचिव उच्च शिक्षा अब्दुल समद, मनोज कुमार, योगेंद्र दत्त त्रिपाठी, श्रवण कुमार सिंह, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमित भारद्वाज मौजूद रहे। विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रहे।