नरहीं एसओ ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर लाइसेंसी बंदूकों को जमा कराया जा रहा है। लेकिन विधायक के गनर लाइसेंसी असलहा लेकर चल रहे थे, जो आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन है। जिसके तहत असलहा जमा करवाया गया है। फेफना विधायक उपेंद्र तिवारी का कहना है कि 12 जनवरी को भाजपा जिलाध्यक्ष के माध्यम से दिए गए पत्रक से जानमाल के खतरे के संबंध में एसपी और डीएम से सुरक्षा की मांग की जा चुकी है।
जिसमें यह भी कहा गया है कि अगर सरकारी सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाने में परेशानी हो तो मुझे प्राइवेट गनर लेकर चलने की अनुमति प्रदान की जाय। इसके बाद मैंने भी अपने पैड पर यही मांग डीएम से की। इस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बल्कि उल्टे प्राइवेट गनरों से असलहे लेकर जमा करा दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी गनर को साजिश के तहत बदल दिया जा रहा है, जिससे हमेशा अपने जान का खतरा रहता है। उधर, एसपी राम प्रताप सिंह का कहना है कि यह कार्रवाई आदर्श आचार संहिता के क्रम में हुआ है। आचार संहिता लगने के बाद से बिना जिलाधिकारी की अनुमति के असलहों को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर चलना, उनका प्रदर्शन करना प्रतिबंधित है।