विदेशी कंपनी के हाथों में जाएगी BPCL? केंद्र सरकार ने उठाया ये कदम

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) किसी विदेशी कंपनी के हाथों में जा सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार ने निजीकरण के लिए चुनी गई सरकारी तेल रिफाइनरी कंपनियों के लिए विदेशी निवेश सीमा (एफडीआई) बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस कदम से बीपीसीएल को विदेशी कंपनियां भी आसानी से खरीद सकेंगी। आपको यहां बता दें कि बीपीसीएल में सरकार की पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने को लेकर जिन तीन कंपनियों ने रूचि दिखाई है, उनमें से दो विदेशी कंपनियां हैं। बीपीसीएल को खरीदने में इन दोनों विदेशी कंपनियों की दावेदारी मजबूत है।

अभी एफडीआई की सीमा: अब तक सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरी कंपनियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 49 फीसदी थी। इस सीमा के बने रहते भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) किसी विदेशी कंपनी को नहीं बेची जा सकती थी। यही वजह है कि सरकार ने एफडीआई सीमा को बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया है। हालांकि, जो एफडीआई सीमा बढ़ाई गई है, वह केवल विनिवेश से जुड़े मामलों के लिए है।

फिलहाल सरकार केवल बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेच रही है। वहीं, देश की सबसे बड़ी और दूसरी तेल रिफाइनरी कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) सरकार के नियंत्रण में है। इसके अलावा हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) अब ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) की सब्सिडरी कंपनी है।

1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य: आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार ने विनिवेश के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार बीपीसीएल में हिस्सेदारी बेच रही है। इसके अलावा एयर इंडिया की बिक्री और एलआईसी का आईपीओ भी इसी लक्ष्य का हिस्सा है।

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