वाराणसी में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास हो रहे हैं। एक साथ कई प्लांटों पर काम हो रहा है। एक तरफ बीएचयू में डीआरडीओ अस्पताल बनाने के साथ ही ऑक्सीजन प्लांट लगा रहा है तो दूसरी तरफ मंडलीय अस्पताल में आक्सीजन प्लांट इंडियन आयल फाउंडेशन के सीएसआर फंड से लगाया जाएगा। इसे स्वीकृति मिल गई है। अब इंडियन आयल फाउंडेशन की टीम मंगलवार को मंडलीय अस्पताल का निरीक्षण करेगी। इस विशाल प्लांट से 960 एमएलपी उत्पादन होगा। इससे 200 बेड पर कोरोना संक्रमितों के लिए आक्सीजन का इंतजाम हो जाएगा।
इसके अलावा पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के लिए हैदराबाद से मशीनें सोमवार को आ गईं। इसे मंगलवार को इंस्टाल करने के साथ बुधवार तक उत्पादन भी शुरू कर दिया जाएगा। इस प्लांट से उत्पादित 600 एलएमपी आक्सीजन 120 बेड पर कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए उपलब्ध होगी। इस प्लांट के लिए शहर के प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी ने एक करोड़ रुपये दिए हैं।
पांडेयपुर स्थित 150 बेड के ईएसआइसी हास्पिटल व 100 बेड के चौकाघाट आयुर्वेदिक अस्पताल में आक्सीजन प्लांट के लिए भी प्रशासन प्रयास कर रहा है। डीएम कौशलराज शर्मा ने बताया कि इनके लिए दानदाता तैयार हैं। जल्द ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
दरेखू प्लांट चलाएगी अन्नपूर्णा एजेंसी
रोहनिया के दरेखू स्थित कामरूप एजेंसी के आक्सीजन प्लांट का संचालन प्रहलाद घाट स्थित अन्नपूर्णा इंडस्ट्रीयल गैसेज करेगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए मिले पांच आवेदनों में से जांच परख कर सोमवार रात हरी झंडी दे दी। तत्काल कब्जा हस्तांतरण के साथ प्लांट दो मई तक शुरू करने का निर्देश दिया गया है। यहां से 500 सिलेंडर भरे जा सकेंगे। लंबे समय से बंद कंपनी का पहले ही प्रशासन अधिग्रहण कर चुका है। प्लांट शुरू होने से बनारस में संक्रमितों के इलाज के लिए आक्सीजन का स्थायी इंतजाम हो जाएगा।