विकास पाठक, वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खेत में उतरे करंट की चपेट में आने से पूर्व प्रधान समेत दो लोगों की मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों के साथ सड़क जाम कर दिया। उन्होंने मांग की कि पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा घोषित किया जाए। पुलिस ने किसी तरह मामला शांत करा शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।
मौके पर ही हो गई मौत
खबर के मुताबिक, वाराणसी शहर से दूर चोलापुर इलाके के बसांव गांव के रहने वाले किसान मन्ना (52) शुक्रवार सुबह अपने खेत में सिंचाई करने गया था। जैसे ही उसने खेत में पैर रखा करंट का तेज झटकने से गिरकर तड़पने लगा। यह देख पास के ही खेत में काम कर रहे पूर्व प्रधान नखड़ू मन्ना को बचाने के लिए दौड़ पड़े। नखड़ू भी खेत में पहुंचते ही करंट की चपेट में आ गए। इसके बाद आनन-फानन गांव वालों ने बिजली विभाग को सूचना देकर सप्लाई कटवाई लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
ग्रामीणों ने मांगा मुआवजा
घटना से नाराज ग्रामीणों ने दोनों शवों को रख कर सिंधोरा-भोजूबीर रोड को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने दोनों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की। जाम की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सीओ अनिल राय ने ग्रामीणों को समझा कर जाम समाप्त कराया। इसके बाद पुलिस पोस्टमॉर्टम के लिए शवों को कब्जे में ले पाई। पुलिस के मुताबिक खेत को मवेशियों से बचाने के लिए कटीले तारों से घेरा गया था। तारों में किसी तरह करंट उतरने से चपेट में आकर दोनों की मौत हुई।