नई दिल्ली : वर्ष 2017 कई मायनों में खास रहने वाला है। इस साल बहुत से बदलाव देखने को मिल सकते हैं। नोटबंदी के बाद का प्रभाव भी इस साल देखने को मिलेगा। आने वाले साल में राजनीतिक मोर्चे पर पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव, नोटबंदी का असर, जीएसटी का कार्यान्वयन, फीफा अंडर 17 वर्ल्ड कप, क्रिकेट चैंपियंस ट्रॉफी से लेकर रईस, काबिल, बाहुबली-2 और टॉयलेट एक प्रेमकथा आदि फिल्मों की रिलीज सहित बहुत कुछ होना है। अगले साल के शुरू में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं। निश्चित रूप से इन चुनावों में नोटबंदी मुख्य मुद्दा होगा। नोटबंदी को लेकर सरकार को निशाने पर रखते हुए लामबंद हो रहे विपक्ष ने इसे जनविरोधी कदम बताया है। उसके तेवर स्पष्ट कर रहे हैं कि वह इसे मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएगा। कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ पांच जनवरी से देशव्यापी प्रदर्शन करने का एलान कर चुकी है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भाजपा की साख दांव पर है। मणिपुर में वह कभी सत्ता में नहीं रही लेकिन वहां पार्टी क्षेत्रीय दलों से गठजोड़ कर सत्ता पर नजर बनाए हुए है। पंजाब और गोवा में आप की मौजूदगी ने परंपरागत चुनावी समीकरण बिगाड़ रखा है। दोनों ही राज्यों में भाजपा सत्ता में है और कांग्रेस उसकी परंपरागत प्रतिद्वंद्वी है। मुंबई में अगले साल के शुरू में नगर निगम चुनाव होने हैं। इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है और नोटबंदी व काले धन के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना के बीच पोस्टर युद्ध जारी है। वर्ष 2017 में पहली बार आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होने के बजाय फरवरी के शुरू में पेश किया जाएगा। सरकार चाहती है कि अप्रैल से पहले ही बजट पारित हो जाए और एक अप्रैल को वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने के दिन से ही उस पर अमल शुरू हो जाए। इससे पहले मई में पूरा बजट पारित होता था और जून से उस पर वास्तविक अमल हो पाता था। वर्ष 2017 में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं होगा बल्कि इसे आम बजट के एक हिस्से के तौर पर पेश किया जाएगा।