लॉकडाउन से निर्मल हुआ गंगा नदी का जल, देश के 91 शहरों में वायु प्रदूषण भी हुआ कम

आखिर क्या है गंगा नदी के पवित्र होने ...

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से देश की आबोहवा बदल रही है। भारत में हर तरह के प्रदूषण में खासी कमी आई है। 91 शहरों की हवा की गुणवत्ता 29 मार्च तक ही अच्छी और संतोषजनक श्रेणी में आ चुकी है। तीन-चार महीने पहले ही उत्तर भारत के जो शहर दमघोंटू हवा में जकड़े थे, वह अब शुद्ध हवा में सांस ले रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार लॉकडाउन के कारण पावन गंगा नदी का जल भी फिर से निर्मल होने लगा है। इन दिनों उसका प्रदूषण कम हो रहा है। लॉकडाउन की वजह से नदी में औद्योगिक कचरे की डंपिंग में कमी आई है। गंगा का पानी ज्यादातर मॉनिटरिंग सेंटरों में नहाने के लिए उपयुक्त पाया गया है।

पर्यावरणविद् और साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम, रिवर, पीपुल (एसएएनडीआरपी) के एसोसिएट कोआर्डिनेटर भीम सिंह रावत ने बताया कि आर्गेनिक प्रदूषण अभी भी नदीं के पानी में घुल कर खत्म हो जाता है। लेकिन औद्योगिक इकाइयों से होने वाला रासायनिक कचरा घातक किस्म का प्रदूषण है जो नदी की खुद को साफ रखने की क्षमता को खत्म कर देता है। लॉकडाउन के दौरान नदी की खुद को साफ रखने की क्षमता में सुधार के कारण ही जल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। ध्यान रहे कि भारत में 25 मार्च से तीन सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लागू है। देश की 1.3 अरब आबादी को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें उनके घरों में ही रहने का आदेश है।

 

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