बिहार में मकर संक्रांति का भोज राजनीतिक खिचड़ी पकाने का एक अवसर होता है। इस बार भाजपा ने लालू प्रसाद यादव के भोज में यह कहते हुए जाने से इनकार कर दिया कि उन्हें सही तरीके से निमंत्रित नहीं किया गया है, वहीं कांग्रेस की ओर से अब तक यह साफ नहीं है कि जदयू के भोज में वह शामिल होगी या नहीं।
वैसे लालू ने दही का टीका नीतीश कुमार के माथे पर लगा कर जहां महागठबंधन के अटूट रहने का संदेेश दिया है, वहीं नीतीश कुमार ने लालू का आशीर्वाद लेकर यह भरोसा दिलाया कि कलेंडर जरूर नए साल में बदला है, लेकिन उसके अंदर की तस्वीर वक्त से पहले नहीं बदलेगी।
लालू के घर नहीं जाने के सवाल पर भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि मैं तो उनके आवास पर होने वाले दही-चूड़ा के भोज में जरूर जाता, लेकिन उन्होंने खुद फोन न करके अपने पीए से फोन करवाया। इस कारण मैंने उनके घर जाना उचित नहीं समझा।
सही तरह से न्योता नहीं दिया
मोदी ने कहा कि लालू से मेरे संबंध छात्र जीवन के दौरान से ही रहे हैं, लेकिन सही तरह से न्योता नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह रविवार को जदयू की तरफ से होने वाले भोज में शामिल होंगे क्योंकि उसके लिए प्रदेश अध्यक्ष ने फोन कर आमंत्रित किया है।
उल्लेखनीय है कि राजद प्रमुख लालू यादव के सरकारी आवास 10 सर्कुलर रोड पर संक्रांति भोज का शनिवार को पहला आयोजन हुआ। वहीं रविवार को जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के घर दूसरा आयोजन होगा। इन दोनों आयोजनों में बिहार की राजनीति की खिचड़ी पकने की उम्मीद जताई जा रही है।
इधर, पत्रकारों ने जब अशोक चौधरी से जदयू के भोज में जाने के बारे में पूछा तो अशोक चौधरी ने कहा कि जाऊंगा या नहीं यह पता नहीं है। फिलहाल रविवार को मुझे सीवान के कार्यक्रम में शामिल होना है। चौधरी के तेवर देखकर यह स्पष्ट है कि कांग्रेस को जदयू के फैसले पर कड़ा ऐतराज है। उन्होंने कहा कि जदयू ने भाजपा को क्यों न्योता दिया है इसका जवाब जदयू देगी। महागठबंधन को यह मंजूर नहीं है। पिछले दो वर्षों से भाजपा को न्योता नहीं दिया जा रहा था, अब अचानक से ऐसी क्या आवश्यकता आ गई कि भाजपा को मकर संक्रांति के भोज में न्योता भेजा गया है।