राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत पर शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। चारा घोटाले के दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद ने जमानत के लिए याचिका दायर की है। यदि लालू प्रसाद को हाईकोर्ट से जमानत मिली, तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। वहीं लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने न्यायालय पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा है कि जो भी फैसला होगा, मंजूर होगा।
लालू के खिलाफ चारा घोटाले से संबंधित पांच मामले झारखंड में चल रहे हैं। चार मामलों में सीबीआई कोर्ट ने उन्हें सजा सुना दी है। पांचवा मामला डोरंडा कोषागार से संबंधित है और इसकी सुनवाई अभी सीबीआई कोर्ट में चल रही है। जिन चार मामलों में लालू प्रसाद को सजा मिली है, उसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की है। इनमें तीन मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। लालू प्रसाद को सभी मामलों में आधी सजा काटने के आधार पर जमानत दी गई है। दुमका कोषागार मामले में भी उन्होंने इसी आधार पर जमानत मांगी है। साथ ही अपनी बीमारी का हवाला भी दिया है।
इस मामले में सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल करते हुए लालू प्रसाद को जमानत नहीं देने का आग्रह हाईकोर्ट से किया है। सीबीआई की ओर से कहा गया है कि दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद को दो अलग-अलग मामलों में सात-सात साल की सजा सुनायी गई है। सीबीआई कोर्ट ने दोनों मामले में सजा एक साथ चलाने का आदेश नहीं दिया है। इस कारण दोनों सजा अलग-अलग काटनी होगी। लालू प्रसाद को जितनी सजा दी गई है, किसी में एक साथ सजा चलाने का आदेश नहीं दिया गया है। इस कारण लालू प्रसाद दुमका कोषागार मामले में एक दिन भी सजा नहीं काटे हैं। इसलिए उनकी जमानत याचिका खारिज कर देने की बात कही गई है।