लड़कों के साथ प्रैक्टिस करने पर पति से खाई मार, अब महिला पहलवान लिख रही है नया इतिहास

Image result for गुरशरण प्रीत कौर KI IMAGES

नई दिल्ली- बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की हालिया फिल्म पंगा जारी हुई थी जिसमें संदेश दिया गया था कि कोई महिला खिलाड़ी शादी के कारण अपने खेल को छोड़ देती है और अगर उसने वापसी करने का संकल्प लिया है तो कोई उम्र उसके आगे बाधा नहीं बन सकती। इस तरह की कहानी भारतीय महिला पहलवान गुरशरण प्रीत कौर की है।गुरशरण प्रीत कौर ने 37 साल की उम्र में कुश्ती में आठ साल के बाद वापसी की और एक पदक अपने नाम किया। यहां खेली जा रही एशियन कुश्ती चैंपियनशिप 2020 में 72 किलोग्राम भार वर्ग में गुरशरण प्रीत कौर ने कांस्य पदक जीतकर एक नया इतिहास लिखा है

लड़कों के साथ अभ्यास करने के कारण पति की मार खाई

पंजाब के तरनतारन की रहने वालीं गुरशरण ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा, ‘2013 में मेरी शादी हो गई थी। मेरे पति मुझे खेलने नहीं देते और लड़कों के साथ कुश्ती नहीं करने देते थे। जब मैं लड़कों के साथ अभ्यास करती थी तो वह मुझे बहुत मारते थे। मुझे अपने पति से अलग होना पड़ा। मैं एक लड़की की मां बनी लेकिन मेरे पति लड़की नहीं चाहते थे। मैं मां थी और मैं उसे मरने नहीं दे सकती थी।

मेरे पति ने कहा कि तुम्हें मेरे और बेटी में से किसी एक को चुनना होगा तो मैंने उसी वक्त अपनी बेटी को चुन लिया। मेरी बेटी तीन साल की है। उन्होंने मेरी कुश्ती छोड़ने के लिए मजबूर किया। अगर मैं 2013 से कुश्ती करती रहती तो मेरे पास और पदक होते। जब आप मन से हार मान लोगे तो हार जाओगे लेकिन मैंने अभी हार नहीं मानी है।

2018 में शुरू किया अभ्यास

2018 से मैंने फिर से अभ्यास करना शुरू किया। जब मैं बहुत छोटी थी तो मेरी पिता जी की मृत्यु हो गई थी। संघर्ष तो जिंदगी का एक हिस्सा है और संघर्ष के बिना हम कोई भी कामयाबी हासिल नहीं कर सकते। संघर्ष करेंगे तो आगे बढ़ेंगे। मैंने जो पदक जीता है वो अपनी मां की मदद से जीता है। उन्होंने मेरा हमेशा से साथ दिया है। मुझे किसी भी चीज की जरूरत होती है तो वो मेरी मम्मी ही पूरा करती हैं। जब तक मेरे अंदर दम है तो मैं कुश्ती करूंगी।

क्या उम्र का खेल पर असर पड़ता है

उन्होंने कहा, ‘मैं उम्र को नहीं मानती। उम्र सिर्फ एक नंबर है। जब तक हमारे अंदर हिम्मत है, हम कुश्ती करेंगे। जब तक हम जीत रहे हैं तो हम खेल रहे हैं चाहे हम 50 साल के भी क्यों ना हो। एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में मेरा यह पहला पदक है। 2012 में जब मैंने कुश्ती छोड़ी थी तो उसके बाद यह मेरा पहला पदक है। आठ साल के बाद कुश्ती में वापसी के बाद भी मेरा पहल पदक है। दक्षिण एशियाई खेलों में मैंने स्वर्ण जीता था। अब मेरा लक्ष्य ओलंपिक के लिए आगामी बुधवार को लखनऊ में होने वाले ट्रायल को जीतना है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com