उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से बड़ी खबर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साढ़े चार साल में पहली बार उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे और उनके साथ दोपहर का भोजन किया। मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल, महामंत्री संगठन बीएल संतोष सहित कोर कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि योगी डिप्टी सीएम केशव मौर्य को बेटे की शादी की बधाई देने के लिए पहुंचे थे।
दरअसल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भोजन के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। इस विजिट से मुख्यमंत्री योगी सरकार व संगठन में एकता का संदेश देना चाहते हैं। बता दें कि बीते दिनों केशव मौर्य ने बयान दिया था कि यूपी में मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद तय किया जाएगा जिस पर राजनीतिक चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था और पार्टी नेतृत्व के मुद्दे पर बंटी नजर आ रही थी। इस दौरे से योगी ने पार्टी में एकता का संदेश दिया है।
इसके पहले, सोमवार को पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा ने भी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को पत्र लिखकर उपाध्यक्ष बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया था। पत्र में उन्होंने संदेश दिया था कि यूपी का चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा था कि योगी जी के नेतृत्व में भाजपा 2017 से भी बड़ी सफलता इस बार के चुनाव में दर्ज करेगी।
मुख्यमंत्री योगी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के घर जाने को लेकर कहा जा रहा है कि सरकार की तरफ से आल इज वेल का संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है।
बता दें कि भाजपा यूपी के चुनाव को लेकर बड़ी शिद्दत से रणनीति बनाने में जुट गई है। पार्टी जुलाई से पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी कर रही है।
सोमवार को सीएम आवास पर तीन घंटे तक कोर कमेटी ने रणनीति पर किया मंथन
इसके पहले सोमवार शाम मुख्यमंत्री आवास पर करीब साढ़े तीन घंटे तक चली भाजपा कोर कमेटी की बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया गया और यह निर्णय लिया गया कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार के विकास कार्यों और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से जुड़े कामों के सहारे चुनाव मैदान में उतरेगी।
बैठक में आरएसएस के सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष के सामने कमेटी के सदस्यों ने चुनावी रणनीति को लेकर सुझाव रखे। वहीं, मुख्यमंत्री ने सुझावों पर पक्ष रखते हुए अपनी सरकार की साढ़े चार साल की प्रमुख उपलब्धियों को कमेटी के सामने रखा।
बैठक में सरकार के सेवा सरोकारों के साथ राष्ट्रवाद से जुड़े मुद्दों को जनता के बीच लेकर जाने की रणनीति पर चर्चा हुई। वहीं पश्चिम में किसानों से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर उनकी नाराजगी दूर करने, पिछड़े व अति पिछड़े वोट बैंक को साधने के लिए आगामी दिनों में कार्यक्रम आयोजित करने पर भी चर्चा हुई।