लखनऊ विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति-2020 के तहत परास्नातक कार्यक्रमों को संशोधित कर इसे लागू कर दिया है। स्नातक पाठ्यक्रमों को भी संशोधित कर उन्हें भी नयी शिक्षा नीति के अनुरूप किया गया है। बुधवार को इस संबंध में कुलपति प्रो आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में सभी संकायाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों, समन्वयकों और निदेशकों की एक बैठक भी हुई। जिसमें पाठ्यक्रमों में संशोधन को लेकर लंबी चर्चा हुई।
कुलपति ने समस्त विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी कि उन्होंने बड़ी ही सरलता और सुचारू रूप से नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विश्वविद्यालय के परास्नातक पाठ्यक्रमों में संशोधन का कार्य किया। जिसकी वजह से विश्वविद्यालय इसी सत्र से नए पाठ्यक्रमों को लागू करने में सक्षम रहा। कुलपति ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अपने सभी 70 से अधिक स्नातक कार्यक्रमों में संशोधित पाठ्यक्रम लागू करने वाला लखनऊ विश्वविद्यालय देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि नए पाठ्यक्रमों के अंतर्गत विश्वविद्यालय में छात्र कोर कोर्स के साथ-साथ वैल्यू एडेड कोर्स, एमओओसी, इंट्रा डिपार्टमेंटल और इंटर डिपार्टमेंटल कोर्स भी पढ़ सकेंगे। साथ ही छात्र के पास एक साल बाद पीजी डिप्लोमा लेकर नए कोर्स में एनरोल करने या दूसरी डिग्री के लिए पढ़ाई प्रारंभ करने की या नौकरी के लिए जाने की भी स्वाधीनता रहेगी। 2020-21 सत्र से यह पाठ्यक्रम लागू किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के साथ साथ सभी सहयुक्त महाविद्यालयों में भी एनइपी 2020 के अंतर्गत यह पाठ्यक्रम लागू होंगे। बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रस्तावित स्नातक कार्यक्रम के कॉमन पाठ्यक्रम पर भी चर्चा हुई।