कोरोना काल में किसी की नौकरी गई तो किसी की तनख्वाह रुक गई। कहीं व्यापार में चोट लगी तो स्कूल की फीस जमा कर पाना मुश्किल हो गया। महामारी के दौर में परीक्षाओं को स्थगित कराकर छात्रों को प्रमोट किया जा रहा है लेकिन प्रमोट छात्रों से दो हजार से 5000 रुपए तक बिना परीक्षा के ही परीक्षा शुल्क लिया जा रहा है। इससे छात्र-छात्राओं में नाराजगी है।
लखनऊ विश्वविद्यालय और सम्बद्ध महाविद्यालयों में स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष, परास्नात प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सरकारी शासनादेश के अनुसार अगली कक्षा मे प्रमोट किया जाना है। प्रमोट करने वाले छात्रों से भी परीक्षा फॉर्म भरवाकर फीस मांगी जा रही है। शहर में एक लाख से अधिक छात्र एलयू और 175 महाविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
परीक्षा शुल्क लिया जाना उचित नहीं : छात्र संगठन एनएसयूआई के को-ऑर्डिनेटर विशाल सिंह ने कहा कि जब परीक्षा नहीं हो रही है तो फीस नहीं लेनी चाहिए।
लुआक्टा का कुलपति को पत्र : लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से प्रमोट छात्रों को परीक्षा शुल्क माफ करने के सम्बंध में एलयू कुलपति को पत्र लिखा गया है। लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने कहा कि कोरोना काल में हर परिवार के सामने आर्थिक समस्या खड़ी है। इसलिए हमने कुलपति से परीक्षा शुल्क माफी की मांग की है।
परीक्षा शुल्क पर एक नजर
– फैकल्टी ऑफ आर्ट- स्नातक 2000 प्रति सेमेस्टर, परास्नातक 2000 प्रति सेमेस्टर
– फैकल्टी ऑफ साइंस- 2500 प्रति सेमेस्टर, परास्नातक 2500 प्रति सेमेस्टर
– फैकल्टी ऑफ कामर्स- 2500 प्रति सेमेस्टर, परास्नातक 2500, प्रति सेमेस्टर
– फैकल्टी ऑफ लॉ- 2500 प्रति सेमेस्टर, एलएलएम 2500 प्रति सेमेस्टर
– एमबीए- 5000 रुपए प्रति सेमेस्टर
आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे परिवार के लिए बिना परीक्षाओं के परीक्षा शुल्क जमा करना बेहद मुश्किल है। परीक्षा शुल्क माफ किया जाए।
पलक श्रीवास्तव, स्नातक द्वितीय वर्ष छात्रा
हम लोगों से परीक्षा फॉर्म भरवाया गया है। अब फीस जमा करने की टेंशन है। बिना परीक्षा के ही 100 फीसद परीक्षा शुल्क देना पड़ रहा है।
प्रभाकर शुक्ला, लॉ छात्र
शासन ने जब प्रमोट करने का कहा है तो परीक्षा शुल्क क्यों लिया जा रहा है। सिर्फ पाठ्यक्रम फीस ही ली जानी चाहिए।
अभिनव तिवारी, स्नातक प्रथम वर्ष छात्र
अगर परीक्षा प्रक्रिया की गई और परीक्षा नहीं हुई है तो कम से 50 फीसद परीक्षा शुल्क माफ कर दिया जाए तो हमारी मदद हो जाएगी।