पति की मौत के बाद उसके बुजुर्ग माता-पिता को चार मंजिला घर से निकाल दिया। उनकी जगह अपने रिश्तेदारों और किराएदार रखा। बुजुर्ग सास ने न्याय के लिए एसडीएम का दरवाजा खटखटाया। माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत सुनवाई के बाद एसडीएम ने बहू और किराएदार को 15 दिन की मोहलत दी है। इस अवधि में बहू और किराएदार को गोमती नगर स्थित मकान खाली करना होगा। हालांकि सास-ससुर कहना है कि बहू चाहे उनके साथ रह सकती है।
बुजुर्ग सास-ससुर ने एसडीएस कोर्ट में डाली थी याचिका
एसडीएम कोर्ट के आदेश के अनुसार 25 अक्तूबर 2019 को वादी यानी सास कविता शुक्ला, ससुर रामकृपाल शुक्ला ने याचिका दायर की, जिसके अनुसार विशालखंड 3-347 गोमती नगर निवासी वृद्धजनों ने अपना मकान और गाड़ी बहू से वापस दिलाने की याचना की। एसडीएम ने प्रतिवादी बहू खुशबू शुक्ला को नोटिस भेजा।18 फरवरी 2020 को जवाब और आपत्ति दी गई। कहा कि उसके पति की मृत्यु के बाद सास ससुर गोमती नगर स्थित मकान से बेदखल करना चाहते हैं।
डिप्टी कलेक्टर ने किया निरीक्षण
इसके बाद 30 जनवरी को डिप्टी कलेक्टर, प्रभारी नायब तहसीलदार ने स्थानीय निरीक्षण के बाद रिपोर्ट दी। इसमें बताया गया कि मकान में सास और ससुर नहीं हो। हैं। भूतल पर किराएदार गया है।
मकान के मालिक को घर में प्रवेश न देना नाजायज
इसके पूर्व 24 फरवरी 2020 को थानाध्यक्ष गोमती नगर ने भी रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया कि विपक्षी खुशबू शुक्ला की नीयत में खोट प्रतीत होता है। वादी के मकान में जर्बदस्ती रहना, मकान स्वामिनी को उसी के घर में दाखिल न होने देना नाजायज है। एसडीएम प्रफुल्ल त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुनाया। इसमें कहा गया कि प्रतिवादी खुशबू शुक्ला, दिनेश, गीता, रितिक, शिवम अवस्थी और किराएदार मकान को 15 दिनों में खाली कर दें।